मोदी का 2014 में समर्थन कर मूर्ख बना-राम जेठमलानी
बेंगलुरु। जाने-माने वकील राम जेठमलानी ने कहा कि 2014 के आम चुनाव में विदेशी बैंकों में रखा काला धन वापस लाने के नरेंद्र मोदी के आश्वासन पर उनका समर्थन किया था, लेकिन मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद वह 'मूर्ख' बन गए।
बेंगलुरु प्रेस क्लब में जेठमलानी ने दावा किया कि 1400 भारतीय धनकुबेरों का 90 लाख करोड रुपए से अधिक का काला धन विदेशों में जमा है। उन्होंने कहा कि बड़ी मात्रा में इस विदेशों में रखे इस काले धन को स्वदेश वापस लाने के लिए मैं 2009 से लड़ाई लड़ रहा हूं और इसके लिए मोदी और अमित शाह से मदद मांगी थी। दोनों ने इसके लिए आश्वासन भी दिया था किंतु जब मैंने एहसास किया कि यह दोनों मेरे घर क्यों आए तो पता चला कि इसके पीछे दोनों के हत्या के आरोपों का सामना करना था और वह इसमें बचाव के लिए मेरी मदद चाहते थे।
भाजपा के नेता और सांसद रहे जेठमलानी ने कहा जब 2014 के आम चुनाव में भाजपा जीत गई तो दोनों नेताओं ने अप्रत्यक्ष रूप से मुझसे काले धन के खिलाफ लड़ाई छोड़ देने को कहा। उन्होंने कहा कि इसके बाद मुझे महसूस हुआ कि उस समय मोदी और भाजपा का समर्थन करना मेरा मूर्खता भरा कदम था। काले धन के खिलाफ मेरी लड़ाई जारी रहेगी और इस मामले पर उच्चतम न्यायालय में अगली सुनवाई 15 जुलाई को होनी है।
जेठमलानी ने कहा कि जर्मनी और स्विटजरलैंड काला धनधारकों के नाम बताने और उनकी सूची सौंपने को तैयार हैं किंतु मोदी सरकार ने ठीक निर्णय नहीं लिया है। मोदी अपने उस आश्वासन का पालन नहीं कर रहे हैं जिसमें उन्होंने विदेशों में जमा काला धन वापस लाने का भरोसा दिया था।
उन्होंने कालाधन पर आश्वासन से मुकरने के लिए कर्नाटक के मतदाताओं से दोनों को सबक सिखाने के लिए भाजपा को हराने की अपील की। उन्होंने कहा 2019 के आम चुनाव में भगवा पार्टी की हार होगी। वरिष्ठ वकील ने कहा कि मैं बेंगलुरु इसलिए आया हूं कि यहां के मतदाताओं के समक्ष 2014 में कालाधन को लाने के लिए किए गए झूठे वादे का पर्दाफाश कर सकूं। (वार्ता)