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Last Modified: रविवार, 30 जनवरी 2022 (12:51 IST)

'मन की बात' में PM मोदी बोले- भ्रष्टाचार दीमक की तरह देश को खोखला करता है...

'मन की बात' में PM मोदी बोले- भ्रष्टाचार दीमक की तरह देश को खोखला करता है... - Prime Minister Narendra Modi said this about corruption
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि भ्रष्टाचार दीमक की तरह देश को खोखला करता है, ऐसे में हमें अपने कर्तव्यों को प्राथमिकता देनी चाहिए, क्योंकि जहां कर्तव्य सर्वोपरि होता है, वहां भ्रष्टाचार नहीं रह सकता।

आकाशवाणी पर प्रसारित ‘मन की बात कार्यक्रम’ में प्रधानमंत्री ने कहा, देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। भ्रष्टाचार दीमक की तरह देश को खोखला करता है। लेकिन उससे मुक्ति के लिए इंतजार क्यों करें। यह काम हम सभी देशवासियों को आज की युवा पीढ़ी को मिलकर करना है, जल्द से जल्द करना है।

उन्होंने कहा, इसके लिए बहुत जरूरी है कि हम अपने कर्तव्यों को प्राथमिकता दें। जहां कर्तव्य निभाने का एहसास होता है, कर्तव्य सर्वोपरि होता है, वहां भ्रष्टाचार भी नहीं रह सकता। प्रधानमंत्री मोदी ने महात्मा गांधी की 74वीं पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

वर्ष 2022 के पहले ‘मन की बात’ संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दिल्ली में राजपथ पर हमने देश के शौर्य और सामर्थ्य की जो झांकी देखी, उसने सबको गर्व और उत्साह से भर दिया है। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में देश इन प्रयासों के जरिए अपने राष्ट्रीय प्रतीकों को पुन: प्रतिष्ठित कर रहा है।

मोदी ने कहा, हमने देखा कि इंडिया गेट के समीप ‘अमर जवान ज्योति’ और पास में ही ‘राष्ट्रीय समर स्मारक’ पर प्रज्ज्वलित ज्योति को एक किया गया जो यह एक भावुक पल था। उन्होंने कहा कि देश में अभी पद्म सम्मान की भी घोषणा हुई है। पद्म पुरस्कार पाने वाले में कई ऐसे नाम भी हैं जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, ये हमारे देश के अनाम हीरो हैं, जिन्होंने साधारण परिस्थितियों में असाधारण काम किए हैं। उन्होंने कहा कि अमृत महोत्सव के आयोजनों के बीच देश में कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पुरस्कार भी दिए गए। उनमें से एक है- प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार। ये पुरस्कार उन बच्चों को मिले जिन्होंने छोटी सी उम्र में साहसिक और प्रेरणादायी काम किए हैं।

मोदी ने कहा कि अमृत महोत्सव पर उन्हें ढेरों पत्र और संदेश मिलते हैं जिनमें कई सुझाव भी होते हैं और इसी श्रृंखला में उन्हें एक करोड़ से ज्यादा बच्चों ने अपने मन की बात पोस्टकार्ड के जरिए लिखकर भेजी है।(भाषा)