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Last Updated : शुक्रवार, 5 जुलाई 2019 (22:30 IST)

सीतारमण ने कहा, सरकार छोटी एवं मझौली इकाइयों के लिए अलग भुगतान प्लेटफॉर्म बनाएगी

Nirmala Sitharaman। सीतारमण ने कहा, सरकार छोटी एवं मझौली इकाइयों के लिए अलग भुगतान प्लेटफॉर्म बनाएगी - Nirmala Sitharaman
नई दिल्ली। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि सरकार सूक्ष्म, लघु एवं मझौले उद्यमों (एमएसएमई) के लिए एक भुगतान प्‍लेटफॉर्म (मंच) का निर्माण करेगी। इससे बिल प्रस्‍तुत करने और उसके भुगतान का कार्य एक ही प्‍लेटफॉर्म पर किया जा सकेगा।
 
सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करते हुए जोर दिया है कि छोटी एवं मझौली इकाइयों में रोजगार सृजित करने के लिए निवेश की जरूरत है। आपूर्तिकर्ताओं और ठेकेदारों के लिए सरकारी भुगतान होगा।
 
उन्होंने कहा कि ब्‍याज माफी योजना के त‍हत जीएसटी में पंजीकृत सभी एमएसएमई के लिए नए अथवा बढ़े हुए कर्ज पर 2 प्रतिशत ब्‍याज छूट के लिए 2019-20 में 350 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। उन्होंने कहा कि स्टैंडअप इंडिया योजना से 2 साल में 300 उद्यमी उभरकर सामने आए हैं।
 
वित्तमंत्री ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र की कर्ज तक पहुंच को सुगम बनाने के लिए सरकार ने एक विशेष ऑनलाइन पोर्टल के माध्‍यम से 59 मिनट के भीतर 1 करोड़ रुपए तक का ऋण उपलब्‍ध कराने की योजना शुरू की है।
 
इंटरनेट सेवाओं को तेज करने का प्रस्ताव : भारतनेट परियोजना के तहत ग्रामीण भारत में इंटरनेट कनेक्शन देने की रफ्तार बढ़ाई जाएगी। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2019-20 का बजट पेश करते हुए कहा कि दूरसंचार क्षेत्र में सार्वत्रिक सेवा दायित्व कोष (यूएसओएफ) की मदद से ग्रामीण भारत में अधिक तेजी से इंटरनेट कनेक्शन दिए जाएंगे।
 
वित्तमंत्री ने कहा कि ग्रामीण-शहरी डिजिटल भेद समाप्त करने के लिए भारतनेट के तहत देश में प्रत्येक पंचायत में स्थानीय निकायों को इंटरनेट कनेक्टिविटी देने का लक्ष्य है।
 
सीतारमण ने कहा कि सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत यूएसओएफ के सहयोग से ग्रामीण भारत में इंटरनेट कनेक्शन देने का काम तेज किया जाएगा। सरकार का मार्च 2020 तक देश की सभी 2.50 लाख ग्राम पंचायतों को द्रुत गति का ब्रॉडबैंड कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। ताजा आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार मई 2019 के अंत तक यूएसओएफ में 50,554 करोड़ रुपए का कोष उपलब्ध था। 
 
भारतनेट के तहत 30 मई 2019 तक 3,33,195 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई जा चुकी थी। इसके जरिए 1,28,118 ग्राम पंचायतों को जोड़ा जा चुका है। भारतनेट परियोजना पूरी तरह यूएसओएफ से वित्तपोषित है। वित्तमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान के तहत अभी तक 2 करोड़ से अधिक ग्रामीण भारत के लोगों को डिजिटल रूप से साक्षर किया जा चुका है।
 
17 प्रतिष्ठित पर्यटन स्‍थलों को विश्‍वस्‍तरीय बनाएंगे : वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि सरकार 17 प्रतिष्ठित पर्यटन स्‍थलों को विश्‍वस्‍तरीय स्‍थल के रूप में विकसित करेगी ताकि पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा दिया जा सके।
 
वित्तमंत्री ने अपने पहले बजट भाषण में कहा कि सरकार 17 प्रतिष्ठित पर्यटन स्‍थलों को विश्‍वस्‍तरीय पर्यटन स्‍थल के रूप में विकसित करेगी, जो अन्‍य पर्यटन स्‍थलों के लिए एक मॉडल के रूप में कार्य करेंगे। ये प्रतिष्ठित पर्यटन स्‍थल सैलानियों को बेहतर अनुभव प्रदान करेंगे जिससे इन स्‍थलों पर देशी और विदेशी दोनों पर्यटक बड़ी संख्‍या में आएंगे।
 
वित्तमंत्री ने कहा कि 2019-20 के दौरान 100 नए क्‍लस्‍टरों की भी स्‍थापना की जाएगी ताकि 50,000 शिल्‍पकारों को आर्थिक मूल्‍य श्रृंखला में शामिल होने के लिए समर्थ बनाया जा सके।
 
उन्होंने कहा कि देश की समृद्ध आदिवासी सांस्‍कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए एक डिजिटल संग्रह बनाया जाएगा जिसमें आदिवासियों के दस्‍तावेजों, लोकगीतों, उनके विकास क्रम की तस्वीरों और वीडियो, उत्‍पत्ति स्‍थल, जीवनशैली, शिक्षा, पारंपरिक कला तथा अन्‍य जानकारी होगी। (भाषा)