मोदी पर आरोप, विज्ञापन पर 5000 करोड़ खर्च, लेकिन केरल के लिए 500 करोड़ रुपए क्यों?
नई दिल्ली। कांग्रेस ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भयावह बाढ़ का सामना कर रहे केरल के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया और सवाल किया कि जब वे अपने प्रचार-प्रसार के विज्ञापनों पर 5,000 करोड़ रुपए खर्च करते हैं, तो फिर केरल के लोगों के लिए मात्र 500 करोड़ रुपए क्यों दिए?
पार्टी ने यह भी दावा किया कि प्रधानमंत्री ने केरल की बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं किया, क्योंकि ऐसा करने से केंद्र को बड़ी राशि देनी पड़ेगी। पार्टी प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री का रवैया भेदभाव वाला है। वे आज बाढ़ से ग्रस्त से लोगों की जान-माल पर राजनीति कर रहे हैं। 2,000 करोड़ रुपए की अंतरिम राहत की मांग थी, लेकिन 500 करोड़ रुपए ही दिए गए।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री विज्ञान और प्रचार पर जितनी दरियादिली दिखाते हैं, उतनी ही दरियादिली केरल के लिए भी दिखानी चाहिए। जब प्रधानमंत्री अपने प्रचार पर 5,000 करोड़ रुपए खर्च करते हैं तो फिर केरल को सिर्फ 500 करोड़ रुपए क्यों दिए? शेरगिल ने सवाल किया कि अगर प्रधानमंत्री करदाताओं के पैसे का इस्तेमाल अपने प्रचार में कर सकते हैं तो फिर देश पूछ रहा है कि केरल के लिए पर्याप्त पैसा क्यों नहीं दिया?
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की राज्य सरकारों और दूसरी पार्टियों के मुख्यमंत्रियों ने मदद दी है। प्रधानमंत्री ने केरल के लिए जिस प्रकार सौतेला व्यवहार दिखाया है उससे पता चलता है कि 'टीम इंडिया' की उनकी बात एक पाखंड है।
उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री ने केरल की बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं किया, क्योंकि ऐसे में केंद्र को पैसा खर्च करना होगा। राष्ट्रीय आपदा घोषित करने पर आपदा कोष बनाना पड़ेगा और इसमें 75 फीसदी खर्च केंद्र को देना होगा। दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी ने केरल की बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है। (भाषा)