सत्ता के लालच का परिणाम था गेस्ट हाउस कांड, जिसका जिक्र मायावती ने किया... जानिए पूरी कहानी
लोकसभा चुनाव 2019 के लिए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी दोनों ने गठबंधन का ऐलान किया है। करीब 25 सालों बाद दोनों दल साथ में आए। उत्तरप्रदेश में दोनों ने 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया। एक होटल में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में मायावती ने गेस्ट हाउस कांड का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वे गेस्ट हाउस कांड को भुलाकर साथ में आए हैं। आइए, जानते हैं क्या है गेस्ट हाउस कांड और क्या हुआ था...
2 जून 1995 को गेस्ट हाउस कांड हुआ था। तब उत्तरप्रदेश में सपा और बसपा के गठबंधन वाली सरकार थी। मायावती ने सपा को बाहर से समर्थन दे रखा था। मायावती सरकार के कुछ फैसलों से खुश नहीं थीं और इस तरह दोनों नेताओं में तनातनी बढ़ने लगी। इसी बीच खबर आई कि मायावती बीजेपी के साथ गठबंधन करने वाली हैं। मुख्यमंत्री का सपना देख रहीं मायावती ने समर्थन वापस लेने का फैसला मुलायम को सुना दिया।
इसके बाद मायावती ने लखनऊ स्थित गेस्ट हाउस में 2 जून 1995 को विधायकों की बैठक बुलाई। इसी बीच सपा कार्यकर्ताओं को खबर मिली कि बीएसपी और बीजेपी के बीच सांठगांठ हो रही है। इसके बाद हजारों की संख्या में सपा कार्यकर्ता गेस्ट हाउस पहुंच गए और वहां मौजूद बीएसपी कार्यकर्ताओं को पीटने लगे। ऐसे में मायावती खुद एक कमरे में छिप गईं और अंदर से उसे बंद कर लिया।
बीएसपी के नेताओं ने बड़े पुलिस अधिकारियों को फोन लगाया, लेकिन बात नहीं हो सकी। कार्यकर्ताओं ने बंद कमरे का दरवाजा तोड़ने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो सके। बताया जाता है कि कुछ सपा कार्यकर्ताओं ने मायावती के साथ अभद्रता करते हुए धक्का-मुक्की भी की थी।