Weather Update: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार दक्षिण पश्चिम मानसून (southwest monsoon ) समय से पहले ही काफी सक्रिय हो गया है। इसके प्रभाव से पूर्वोत्तर भारत (Northeast) में मूसलधार बारिश हो रही है और पूर्वोत्तर में बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है। आईएमडी के अनुसार देशभर के अन्य राज्य भी शीघ्र ही तरबतर हो सकते हैं। मानसून (monsoon) की समय पूर्व सक्रियता से देशभर में बरसात होने की संभावना आईएमडी ने जताई है।
दक्षिण-पश्चिम मानसून पर देश की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा निर्भर करता है। मानसून के सामान्य रहने पर इकॉनॉमी में बूम आता है और कमजोर रहने पर इसका निगेटिव असर पड़ता है। इस तरह भारत के लिए दक्षिण पश्चिम मानसून मानसून का सामान्य रहना काफी आवश्यक हो जाता है। देश के कई हिस्सों में मानसून ने इस बार समय से पहले दस्तक दे दिया।
इन राज्यों में अब तक जोरदार वर्षा : केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गोवा और पूर्वोत्तर भारत के तकरीबन सभी राज्यों में जोरदार बारिश हुई है। केरल के साथ महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में मूसलधार बारिश से आम जिंदगी पटरी से उतर गई, वहीं नॉर्थईस्ट में गंभीर बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। लगातार तेज बारिश की वजह से कई जगहों पर लैंडस्लाइड की घटनाएं हुई हैं।
नॉर्थईस्ट में जारी रहेगी मूसलधार बारिश : आईएमडी के अनुसार नॉर्थईस्ट में अभी मूसलधार बारिश का दौर थमने वाला नहीं है। मौसम विभाग के ताजा पूर्वानुमान के अनुसार, अगले 7 दिनों के दौरान पूर्वोत्तर भारत में अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम दर्जे की वर्षा जारी रहने की संभावना है। 5 जून तक कुछ स्थानों पर भारी वर्षा और 4 जून को असम और मेघालय में कुछ स्थानों पर बहुत भारी बारिश होने के आसार बने हुए हैं।
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यूपी-बिहार और दक्षिण तथा मध्यभारत को करना होगा इंतजार : मानसून की रफ्तार पर ब्रेक लगने का असर पश्चिम बंगाल, ओडिशा के साथ ही बिहार, झारखंड, उत्तरप्रदेश जैसे राज्यों पर पड़ने की संभावना है। इन राज्यों को मानसूनी बारिश के लिए फिलहाल इंतजार करना होगा। मानसून की चाल में उतार-चढ़ाव आना मौसम की सामान्य विशेषता है। पूर्वोत्तर भारत में हो रही भारी बारिश के कारण देशभर की औसत वर्षा अभी तक सामान्य बनी हुई है, लेकिन दक्षिण और मध्य भारत (जहां से मानसून आमतौर पर रफ्तार पकड़ता है) वहां पिछले 3 दिनों में बहुत कम बारिश हुई है।
पश्चिमी विक्षोभ साइक्लोनिक सर्कुलेशन के रूप में सक्रिय : एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पाकिस्तान और उससे सटे जम्मू क्षेत्र के ऊपर 3.1 से 7.6 किमी ऊंचाई तक साइक्लोनिक सर्कुलेशन के रूप में सक्रिय है। एक चक्रवाती परिसंचरण (साइक्लोनिक सर्कुलेशन) उत्तर-पश्चिम उत्तरप्रदेश पर बना हुआ है, जो समुद्र तल से 1.5 किमी की ऊंचाई तक फैला है। एक ट्रफ रेखा (द्रोणिका) पूर्वी उत्तरप्रदेश से पूर्वोत्तर असम तक फैली हुई है, जो बिहार के मध्य भागों, उपहिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और असम से होकर गुजर रही है। यह 0.9 किमी की ऊंचाई पर स्थित है।
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पिछले 24 घंटों की देशभर में हुई मौसमी हलचल : पिछले 24 घंटे के दौरान असम में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश दर्ज की गई। सिक्किम, पूर्वोत्तर भारत, पूर्वी बिहार, पश्चिम बंगाल, लक्षद्वीप, आंतरिक कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, कोंकण और गोवा, तटीय आंध्रप्रदेश, दक्षिण-पश्चिम मध्यप्रदेश, राजस्थान के कुछ भागों, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और पंजाब में हल्की से मध्यम बारिश और गरज-चमक के साथ बौछारें हुईं। उत्तरप्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ और दक्षिण गुजरात के कुछ हिस्सों में भी हल्की बारिश और गरज-चमक देखी गई।
आज बुधवार को इन राज्यों में हल्की, मध्यम और भारी वर्षा संभव : स्काईमेट वेदर (skymetweather) के अनुसार आज बुधवार, 4 जून को सिक्किम, पूर्वोत्तर भारत और तटीय कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी वर्षा संभव है। उत्तर मध्यप्रदेश और उससे सटे पूर्वी राजस्थान में गरज-चमक के साथ तेज हवाओं और हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। जम्मू-कश्मीर, गिलगिट-बाल्टिस्तान, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख, मुजफ्फराबाद, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और दक्षिण कोंकण में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कहीं-कहीं तेज बारिश हो सकती है।
उत्तराखंड, केरल और पूर्वी गुजरात में भी हल्की से मध्यम बारिश और गरज-चमक संभव है। हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली और उत्तरप्रदेश के कुछ हिस्सों में गरज-चमक के साथ तेज हवाएं और हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है। पश्चिम बंगाल, बिहार, छत्तीसगढ़, ओडिशा, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु में कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है।(Photo courtesy: IMD)
Edited by: Ravindra Gupta