केरल जैसी हिंसा अगर भाजपा के राज्य में होती तो अवॉर्ड्स लौटा दिए जाते- जेटली
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को आरोप लगाया कि केरल में जब भी माकपा के नेतृत्व वाला एलडीएफ गठबंधन सत्ता में आता है तो यहां हिंसा की घटनाएं बढ़ जाती हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह इस जघन्य अपराध के दोषियों को न्याय के कठघरे में ले आए।
गत 29 जुलाई को कथित रूप से माकपा के कार्यकर्ताओं ने आरएसएस कार्यकर्ता राजेश की पीट-पीटकर हत्या कर दी।
तिरूवनंतपुरम में जेटली ने कहा, 'यह दुखद है कि एलडीएफ जब भी सत्ता में आता है तो हिंसा की घटनाएं बढ़ जाती हैं। राजनीतिक विरोधियों की हत्या की जा रही है।' जेटली ने कहा कि राजेश के साथ जिस तरह से बर्बरता की गयी उसे देखकर आतंकी भी शर्मा जाते।'
जेटली ने कहा, 'इस तरह की घटना यदि भाजपा अथवा राजग शासित प्रदेश में हुई होती तो क्या होता। अवॉर्ड्स लौटा दिए गए होते, संसद को चलने नहीं दिया जाता। देश में और देश के बाहर सरकार के खिलाफ मुहिम छेड़ दी जाती।'
इसके पहले रविवार को दिन में जेटली ने मारे गए आरएसएस कार्यकर्ता राजेश के परिवार से मुलाकात की। इस दौरान जेटली ने राजेश के तीन साल के बेटे और बूढ़े मां-बाप से बात की। ऐसा माना जा रहा है कि जेटली की यह यात्रा माकपा के कार्यकर्ताओं द्वारा कथित तौर बढ़ाए जा रहे हमलों के मुद्दे को राष्ट्रीय फोकस में लाने के लिए भाजपा की ओर से किया गया प्रयास है।
केंद्रीय वित्त मंत्री के साथ प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष कुम्मानम राजशेखरन समेत प्रदेश भाजपा के नेता थे। इन्होंने राजेश की विधवा (34) समेत उसके परिवार वालों की ओर से जताई गई चिंता जेटली के सामने रखी। एक कथित हिस्ट्रीशीटर के नेतृत्व वाले एक गिरोह ने 29 जुलाई को राजेश की हत्या कर दी थी।
भाजपा ने आरोप लगाया है कि इस हत्या के पीछे माकपा के कार्यकर्ता हैं। सत्ताधारी दल ने इस आरोप से इनकार किया है। भाजपा के सदस्यों ने राज्य में राजनीतिक हिंसा का मुद्दा संसद में उठाते हुए कहा था, ‘केरल हत्याओं का मैदान बन गया है।’ इससे पहले जेटली राजनीतिक स्थिति का आकलन करने के लिए विशेष विमान से यहां पहुंचे थे।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, वह केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट भी जमा करवा सकते हैं। जेटली की यात्रा एक ऐसे समय पर हुई है, जब आरएसएस नेतृत्व केरल में इस आधार पर राष्ट्रपति शासन की मांग कर रहा है कि वहां पिनारेई विजयन के नेतृत्व वाली एलडीएफ सरकार के तहत कानून-व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है।
(एजेंसी)