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Written By सुरेश एस डुग्गर
Last Modified: मंगलवार, 8 सितम्बर 2020 (18:48 IST)

रेजांग ला की ऊंचाई पर कब्जा करना चाहते थे चीनी, भारतीय सैनिकों ने पीछे धकेला

रेजांग ला की ऊंचाई पर कब्जा करना चाहते थे चीनी, भारतीय सैनिकों ने पीछे धकेला - indian china border dispute
जम्मू। लद्दाख सेक्टर में एलएसी पर पैंगोंग झील के किनारे दोनों सेनाओं द्वारा एक-दूसरे पर गोलियां चलाए जाने के आरोप-प्रत्यारोप के उपरांत माहौल जबरदस्त तनातनी वाला हो गया है। हालात यह हैं कि आमने-सामने आ डटीं फौजें एक-दूसरे पर हमले को तैयार बैठी हैं।
 
नतीजतन लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, सोमवार की घटना के बाद एक बार फिर पैंगोंग के पास रेजांग ला में करीब 40-50 सैनिक आमने-सामने आए हैं।
इस इलाके में भारतीय सेना के जवानों का कब्जा है, लेकिन चीनी सेना के 40-50 सैनिक इनके सामने आ गए। चीन की ओर से कोशिश की गई कि भारतीय जवानों को हटाया जाए और उस रेजांग ला की ऊंचाई पर कब्जा कर लिया जाए। भारतीय सेना के दावानुसार चीनी सेना इसमें सफल नहीं हो पाई।
अधिकारियों ने बताया कि सोमवार की शाम को चीन की ओर से लद्दाख सीमा में घुसपैठ की  कोशिश की गई थी, जब भारतीय जवानों ने उन्हें रोका तो पीएलए के जवानों ने फायरिंग की। हवाई फायरिंग कर भारतीय सेना को डराने की कोशिश की गई, लेकिन भारतीय सेना के जवानों ने संयम बरता और चीनी सैनिकों को वापस भेज दिया।
 
याद रहे 30 अगस्त की घटना के बाद से ही चीन कई बार घुसपैठ की कोशिश कर चुका है, लेकिन हर बार उसे नाकामी मिली है। हर बार अपनी नाकाम कोशिश के बाद चीन की ओर से भारतीय सेना पर ही घुसपैठ का आरोप 
लगाया जाता है।
सोमवार की घटना के बाद भी चीनी विदेश मंत्रालय, चीनी सेना और चीनी मीडिया ने भारत पर घुसपैठ का आरोप लगाया और फायरिंग की बात कही, लेकिन भारतीय सेना ने अपने बयान में चीन के इस झूठ का पर्दाफाश कर दिया।