• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Idli Can Be Cancerous
Written By WD Feature Desk
Last Updated : सोमवार, 3 मार्च 2025 (14:05 IST)

इडली के शौकीन सावधान! बाजार में बनी इडली में मिले कैंसर पैदा करने वाले तत्व

इडली के शौकीन सावधान! बाजार में बनी इडली में मिले कैंसर पैदा करने वाले तत्व - Idli Can Be Cancerous
Idli Can Be Cancerous: इडली एक ऐसा व्यंजन है जो दक्षिण भारत के साथ-साथ पूरे भारत में लोकप्रिय है। इडली स्वाद में तो लाजवाब होती ही है साथ ही यह पचने में हल्की और सेहत के लिए पौष्टिक भी होती है। यही वजह है कि लोग बड़े चाव से इडली खाते हैं। लेकिन अगली बार इडली खाने से पहले आपको थोड़ा सोचा होगा। क्योंकि हाल ही में कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में फूड सेफ्टी विभाग ने इडली के बैटर के कुछ सैंपल लिए और जांच में चौंकाने वाले खुलासे सामने आए। जांच में पता चला है कि इडली में कैंसरकारी तत्व पाए गए हैं।
 
इडली में मिला प्लास्टिक : जांच में पाया गया कि पहले इडली को पकाने के लिए सूती कपड़े का उपयोग किया जाता था। सूती कपड़े में रखी इडली को भाप में पकाया जाता था। लेकिन आजकल इडली को स्टीम में पकने के लिए प्लास्टिक शीट का उपयोग किया जा रहा है। साथ ही इडली को प्लास्टिक की थैलियों में पैक करके भेजा जा रहा है। गर्म होने पर प्लास्टिक कार्सिनोजेनिक नामक केमिकल छोड़ता है, जिससे लंबे समय में कैंसर जैसी गई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। 

इस जांच के बाद कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री ने एक्स पर पोस्ट लिखकर इडली को तैयार करने में प्लास्टिक के उपयोग के बढ़ते प्रयोग पर चिंता जाहिर की। साथ ही लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इडली पकाने में उपयोग में आ रहे प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया। उन्होंने सभी होटल में इडली पकाने के लिए स्टेनलेस स्टील के बर्तन या केले के पत्तों जैसे सुरक्षित विकल्पों को उपयोग में लाने का आग्रह किया।
 
इडली में मिले ये केमिकल्स
जांच के लिए कर्नाटक फूड सेफ्टी विभाग ने कई लोकल होटल, रेस्टोरेंट और स्ट्रीट वेंडर्स से इडली के सैंपल लिए। 500 से ज्यादा इडली के सैंपल्स जांच के लिए भेजे गए जिनमें से 35 से ज्यादा सैंपल खाद्य मानकों पर खरे नहीं उतरे। जांच में पाया गया कि इडली में इस्तेमाल होने वाले दाल और चावल की क्वालिटी अच्छी नहीं है साथ ही इडली को सफेद दिखाने के लिए उसमें ब्लीचिंग पाउडर और सिंथेटिक रंग इस्तेमाल किए गए हैं। ये तत्व शरीर के लिए बहुत हानिकारक होते हैं और सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
 
इडली खाने वालों को चेतावनी
इस खुलासे के बाद इडली के शौकीन काफी सतर्क हो गए हैं। अगर आप भी बाजार में जाकर इडली का स्वाद लेना पसंद करते हैं तो यह खबर आपके लिए भी एक अलार्म है। कहीं स्वाद के चक्कर में आप अपनी सेहत से समझौता न कर बैठें। 

केक में भी मिल चुके हैं कैंसरकारी तत्व 
इससे पहले कर्नाटक खाद्य सुरक्षा गुणवत्ता विभाग ने लोगों को केक खरीदते समय सावधानी बरतने के लिए भी कहा है। विभाग ने कर्नाटक राज्य की सभी बेकरी की दुकानों पर केक बनाने में इस्तेमाल कैंसरकारी पदार्थ को लेकर भी चेतावनी दी है। बेंगलुरु में एक परीक्षण के दौरान केक की अलग-अलग 12 किस्मों में कैंसर पैदा करने वाले तत्वों पाए गए हैं। 
केक की लोकप्रिय वैरायटी जैसे, रेड वेलवेट और ब्लैक फॉरेस्ट में अक्सर कृत्रिम रंगों का इस्तेमाल किया जाता है। ये कृत्रिम रंग केक को आकर्षक और स्वादिष्ट बनते हैं। लेकिन साथ ही कैंसर का खतरा भी पैदा कर सकते हैं। जांच में केक के कुछ सैम्पल्स में रोटामाइन बी पाया गया है। असल में रोटामाइन बी का इस्तेमाल कपड़ों को रंगने के लिए किया जाता है लेकिन अब इसका उपयोग फूड कलर के रूप में भी होने लगा है। रोटामाइन भी से फूड पॉइजनिंग के अलावा और भी कई गंभीर प्रकार की बीमारियां हो सकती है। अध्ययन में रोटामाइन को कैंसर जन्य भी बताया गया है।  इसके अलावा रिपोर्ट में केक में इस्तेमाल एक और इंग्रेडिएंट पोंसो 4आर को भी खतरनाक पाया गया है। एक अन्य रिपोर्ट के हवाले से कहा गया है कि पोंसो 4आर बच्चों में अति सक्रियता बढ़ाने और शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस का कारण बनने वाला पाया गया है। इससे पहले गोभी मंचूरियन, कबाब, पानी पुरी और कॉटन कैंडी जैसे लोकप्रिय खाद्य पदार्थों में कैंसरकारक तत्व होने की बात सामने आई है।
 

अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।