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Last Modified: नई दिल्ली , गुरुवार, 3 जुलाई 2025 (17:00 IST)

Delhi Jal Board Scam : क्‍या फिर जेल जाएंगे सत्‍येंद्र जैन, भ्रष्टाचार मामले में ED ने की पूछताछ

Satyendra Jain
Delhi Jal Board Scam case : दिल्ली के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता सत्‍येंद्र जैन दिल्ली जल बोर्ड (DJB) के कुछ सीवेज शोधन संयंत्रों के विस्तार में भ्रष्टाचार से जुड़े धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए बृहस्पतिवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समक्ष पेश हुए। धनशोधन रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत उनका बयान दर्ज किया गया। जैन के पास अरविंद केजरीवाल नीत सरकार में स्वास्थ्य, उद्योग, बिजली, लोक निर्माण विभाग, गृह और शहरी विकास जैसे विभाग थे। जैन को 2022 में ईडी ने गिरफ़्तार किया था।
 
आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि जैन (60) पूर्वाह्न करीब 11:15 बजे संघीय जांच एजेंसी के कार्यालय पहुंचे और धनशोधन रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत उनका बयान दर्ज किया गया। आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता जैन के पास अरविंद केजरीवाल नीत सरकार में स्वास्थ्य, उद्योग, बिजली, लोक निर्माण विभाग, गृह और शहरी विकास जैसे विभाग थे।
यह तीसरी धनशोधन जांच है जिसमें ईडी जैन की भूमिका की जांच कर रही है। जैन को 2022 में ईडी ने गिरफ़्तार किया था और बाद में हवाला लेनदेन एवं आय से अधिक संपत्ति के मामले में आरोप पत्र दाखिल किया गया था।
 
हाल में ईडी ने जैन, पूर्व उपमुख्यमंत्री और आप नेता मनीष सिसोदिया के खिलाफ कक्षा निर्माण घोटाले के संबंध में मामला दर्ज किया था। ताजा मामले की जांच दिल्ली जल बोर्ड के कुछ सीवेज शोधन संयंत्रों के विस्तार में भ्रष्टाचार के आरोपों से संबंधित है। ईडी ने पिछले साल जुलाई में इस मामले में छापेमारी की थी।
धनशोधन मामले की जांच दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) द्वारा ‘यूरोटेक एनवायरनमेंटल प्राइवेट लिमिटेड’ नामक कंपनी और अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी से संबंधित है। इसमें पप्पनकला, निलोठी, नजफगढ़, केशोपुर, कोरोनेशन पिलर, नरेला, रोहिणी और कोंडली में 10 सीवेज शोधन संयंत्रों (एसटीपी) के विस्तार और उन्नयन के नाम पर दिल्ली जल बोर्ड में घोटाले का आरोप लगाया गया है।
एसीबी के अनुसार, चार निविदाओं में केवल तीन संयुक्त उद्यम कंपनियों ने भाग लिया था। अक्टूबर 2022 में 1,943 करोड़ रुपए मूल्य की ये चार निविदाएं विभिन्न संयुक्त उद्यम (जेवी) संस्थाओं को दी गईं। ईडी के अनुसार, निविदा दस्तावेजों के सत्यापन से पता चलता है कि चार निविदाओं की प्रारंभिक लागत लगभग 1,546 करोड़ रुपए थी, जिसे उचित प्रक्रिया/परियोजना रिपोर्ट का पालन किए बिना संशोधित कर 1,943 करोड़ रुपए कर दिया गया। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour
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