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Last Updated :नई दिल्ली , बुधवार, 7 जून 2023 (08:43 IST)

अरब सागर में उठा चक्रवाती तूफान 'बिपरजॉय', IMD ने जारी किया अलर्ट

अरब सागर में उठा चक्रवाती तूफान 'बिपरजॉय', IMD ने जारी किया अलर्ट - Cyclonic storm 'Biparjoy'
cyclonic storm biperjoy: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर बना गहरे दबाव का क्षेत्र मंगलवार शाम चक्रवाती तूफान 'बिपरजॉय' (Biparjoy) में तब्दील हो गया। 'बिपरजॉय' नाम बांग्लादेश द्वारा दिया गया है। शाम 5.30 बजे यह गोवा से लगभग 920 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम, मुंबई से 1050 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में था।
 
आईएमडी ने एक बुलेटिन में कहा कि दक्षिण-पूर्व और आसपास के पूर्व-मध्य अरब सागर के ऊपर बना गहरे दबाव का क्षेत्र 4 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति के साथ लगभग उत्तर की ओर बढ़ा और एक चक्रवाती तूफान 'बिपरजॉय' में तब्दील हो गया। शाम 5.30 बजे यह गोवा से लगभग 920 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम, मुंबई से 1050 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम, पोरबंदर से 1130 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम और कराची से 1430 किलोमीटर दक्षिण में स्थित था।
 
इसके लगभग उत्तर की ओर बढ़ने और धीरे-धीरे एक बहुत ही गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की आशंका है। इस दौरान केरल-कर्नाटक तटों और लक्षद्वीप-मालदीव इलाकों में 6 जून और कोंकण-गोवा-महाराष्ट्र तट पर 8 से 10 जून तक समुद्र में बहुत ऊंची लहरें उठने की संभावना है। समुद्र में उतरे मछुआरों को तट पर लौटने की सलाह दी गई है।
 
आईएमडी ने सोमवार को कहा था कि दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र बनने और इसके गहरा होने से मानसून का केरल तट की ओर आगमन गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है, हालांकि मौसम विभाग ने केरल में मानसून के आगमन की संभावित तारीख नहीं बताई।
 
निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी 'स्काईमेट वेदर' ने बताया कि केरल में मानसून 8 या 9 जून को दस्तक दे सकता है लेकिन इस दौरान हल्की बारिश की ही संभावना है। उसने कहा कि अरब सागर में मौसम की ये शक्तिशाली प्रणालियां अंदरुनी क्षेत्रों में मानसून के आगमन को प्रभावित करती हैं। इसके प्रभाव में मानसून तटीय हिस्सों में पहुंच सकता है लेकिन पश्चिम घाटों से आगे जाने में उसे संघर्ष करना पड़ेगा। स्काईमेट ने पहले मानसून के 7 जून को केरल में दस्तक देने का पूर्वानुमान जताया था और अब यह 3 दिन पहले या बाद में हो सकता है।
 
स्काईमेट ने कहा था कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के इस समयावधि के भीतर आने की संभावना है। मानसून की शुरुआत तब मानी जाती है, जब लक्षद्वीप, केरल और तटीय कर्नाटक में लगातार 2 दिनों में निर्धारित वर्षा होती है। तदनुसार वर्षा का प्रसार और तीव्रता 8 या 9 जून को इन आवश्यकताओं से मेल खा सकती है, हालांकि मानसून की शुरुआत जोरदार तरीके से नहीं हो सकती है।
 
आईएमडी में वरिष्ठ वैज्ञानिक डीएस पई ने बताया कि केरल में सोमवार को भी अच्छी बारिश हुई और स्थितियां अगले 2 से 3 दिन में मानसून के आगमन के लिए अनुकूल हैं। उन्होंने कहा कि चक्रवाती तूफान और बंगाल की खाड़ी में बन रहे निम्न दाब के कारण दक्षिणी प्रायद्वीप में बारिश होगी। चक्रवात के कमजोर होने के बाद मानसून दक्षिणी प्रायद्वीप से आगे बढ़ेगा।
 
दक्षिण-पश्चिम मानसून आमतौर पर 1 जून को केरल में प्रवेश करता है जिसमें 7 दिन आगे या पीछे हो सकता है। मई के मध्य में आईएमडी ने कहा था कि मानसून 4 जून तक केरल में दस्तक दे सकता है। दक्षिण-पूर्वी मानसून पिछले साल 29 मई को, 2021 में 3 जून, 2020 में 1 जून, 2019 में 8 जून और 2018 में 29 मई को पहुंचा था। आईएमडी ने पूर्व में कहा था कि अल नीनो की स्थिति विकसित होने के बावजूद दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम में भारत में सामान्य बारिश होने की उम्मीद है।
 
Edited by: Ravindra Gupta
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