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Last Updated : शुक्रवार, 14 जून 2024 (15:46 IST)

कांग्रेस ने NEET घोटाले को बताया दूसरा व्यापम, मूकदर्शक बने नहीं रह सकते PM

students protest on NEET
NEET UG Exam : कांग्रेस ने चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश से जुड़ी परीक्षा NEET-UG परीक्षा में धांधली को लेकर इसे व्यापम 2.0 करार दिया। पार्टी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस पर मूकदर्शक बने नहीं रह सकते। मुख्य विपक्षी दल ने इस मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में फोरेंसिक जांच की मांग की। ALSO READ: क्या सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर होंगे NEET से जुड़े सभी मामले, NTA की याचिका पर सभी पक्षों को नोटिस
 
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक बयान में आरोप लगाया कि मोदी सरकार और शिक्षा मंत्री व एनटीए ने नीट घोटाले की लीपापोती चालू कर दी है।
 
उन्होंने सवाल किया कि अगर नीट में पेपर लीक नहीं हुआ तो बिहार में 13 आरोपियों को पेपर लीक के चलते गिरफ्तार क्यों किया गया? क्या रैकेट में शामिल शिक्षा माफिया व संगठित गिरोह को पेपर के बदले 30-50 लाख रुपए तक के भुगतान का पटना पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने पर्दाफाश नहीं किया? गुजरात के गोधरा में नीट-स्नातक में धोखाधड़ी करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ नहीं हुआ है?
 
उन्होंने यह सवाल भी किया कि अगर मोदी सरकार के मुताबिक़ नीट में कोई पेपर लीक नहीं हुआ तो ये गिरफ्तारियां क्यों हुई? इससे क्या निष्कर्ष निकला? क्या मोदी सरकार देश की जनता की आंखों में पहले धूल झोंक रही थी या अब?
 
खरगे ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने 24 लाख युवाओं के अरमानों का गला घोंटा है। उन्होंने दावा किया कि इन एक लाख सीटों (एमबीबीएस की) में से करीब 55,000 सरकारी कॉलेजों की सीट हैं जहां एससी, एसटी, ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बच्चों के लिए सीटें आरक्षित होती हैं। मोदी सरकार ने एनटीए का दुरुपयोग कर स्कोर और रैंक की जोरदार धांधली की है जिससे आरक्षित सीटों का कटऑफ भी बढ़ गया है।
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि ‘नीट घोटाला’ ‘व्यापम 2.0’ है जिस पर मोदी सरकार लीपापोती करना चाहती है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को नीट घोटाले में उच्चतम न्यायालय न्यायालय की निगरानी में स्वतंत्र फोरेंसिक जांच का आदेश देना चाहिए।
 
खेड़ा ने कहा कि कुछ भी गड़बड़ नहीं होने संबंधी शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का बयान ‘शर्मनाक’ और छात्रों के घावों नमक छिड़कने की तरह है। उन्होंने कहा कि क्या यह सच नहीं है कि इस साल 67 टॉपर थे जिन्हें 720 पूर्णांक मिले? 2023 में यह संख्या सिर्फ दो थी। 2022 में कोई भी अभ्यर्थी पूरे अंक हासिल नहीं कर सका। 2021 में सिर्फ तीन उम्मीदवार ही यह स्कोर हासिल कर सके। 
 
खेड़ा का कहना था कि अगर मोदी सरकार का दावा है कि पूरी परीक्षा प्रक्रिया पारदर्शी है, तो उसे पिछले साल और इस साल 580 से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों का पूरा परिणाम एनटीए द्वारा सार्वजनिक किया जाना चाहिए। 580 से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों के केंद्रों को भी सार्वजनिक किया जाना चाहिए ताकि पता चल सके कि कितने छात्र अपने स्थान से दूर नीट परीक्षा देने आए थे।
Edited by : Nrapendra Gupta