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  4. Congress said, the effect of the Bharat Jodo Yatra is that Mohan Bhagwat reached the Imams
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पुनः संशोधित: गुरुवार, 22 सितम्बर 2022 (23:49 IST)

'भारत जोड़ो यात्रा' का असर है कि भागवत इमामों के पास पहुंच गए : कांग्रेस

नई दिल्ली। कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि उसकी 'भारत जोड़ो यात्रा' का असर है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत इमामों और मुस्लिम समुदाय के लोगों के पास पहुंच गए। मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि भागवत को राहुल गांधी की अगुवाई में 'भारत जोड़ो यात्रा' का हिस्सा बनना चाहिए और हाथ में तिरंगा लेकर पदयात्रा करनी चाहिए।

कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा ने ट्वीट किया, अभी भारत जोड़ो यात्रा को मात्र 15 दिन हुए हैं और भाजपा के प्रवक्ता ‘गोडसे मुर्दाबाद’ बोलने लगे, मंत्री मीडिया से फैलने वाली नफ़रत पर चिंतित होने लगे और मोहन भागवत इमामों के पास पहुंच गए। आगे-आगे देखिए होता है क्या।

पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा, भारत जोड़ो यात्रा के सिर्फ दो सप्ताह हुए हैं और उसके नतीजे आने लगे हैं। भाजपा का एक प्रवक्ता टीवी चैनल पर ‘गोडसे मुर्दाबाद’ कह रहा है। भागवत जी आज दूसरे धर्म के लोगों के घर जा रहे हैं। यह भारत जोड़ो यात्रा का प्रभाव है।
Mohan Bhagwat

उन्होंने कहा, यह यात्रा जब संपन्न होगी तो देश में जो नफरत है, जो कटुता है, जो धर्मों के आधार पर विभाजन है, उस पर मरहम लगाने का काम करेगी। वल्लभ ने कहा, हम भागवत जी आग्रह करेंगे कि आप पर भारत जोड़ो यात्रा के माहौल से इतना प्रभाव पड़ा है तो एक घंटे के लिए इस यात्रा में शामिल हो जाइए और राहुल गांधी जी के नेतृत्व में चलिए और हाथ में तिरंगा लेकर चलिए। 52 साल तक आपने तिरंगा नहीं पकड़ा, अब पकड़िए और भारत को जोड़िए।

मुस्लिम समुदाय तक अपनी पहुंच को आगे बढ़ाते हुए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को एक मस्जिद और मदरसे का दौरा किया और ऑल इडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख के साथ चर्चा की। इमाम संगठन के प्रमुख ने दोनों की मुलाकात के बाद भागवत को ‘राष्ट्रपिता’ कहा।

आरएसएस के ‘सरसंघचालक’ मध्य दिल्ली के कस्तूरबा गांधी मार्ग स्थित एक मस्जिद में गए और उसके बाद उन्होंने उत्तरी दिल्ली के आजादपुर में मदरसा तजावीदुल कुरान का दौरा भी किया

पीएफआई के खिलाफ एनआईए की कार्रवाई के विषय पर वल्ल्भ ने कहा, जो भी संस्था भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त है, भारत को तोड़ने की कोशिश करे उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। सवाल यह है कि आठ साल से पीएफआई को प्रतिबंधित करने के लिए पहल क्यों नहीं की?(भाषा)
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