बिहार में जीत से बढ़ा भाजपा का उत्साह, अब बंगाल पर नजर
कोलकाता। बिहार में जीत से उत्साहित भाजपा का पूरा जोर अब अप्रैल-मई 2021 में होने वाले मिशन बंगाल पर है। भाजपा ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में 200 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि बिहार चुनाव में सफलता के बाद पार्टी का मुख्य ध्यान अब पश्चिम बंगाल पर होगा जहां विधानसभा चुनाव अप्रैल-मई 2021 में होने की उम्मीद है। भाजपा ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में 200 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
भाजपा के बंगाल प्रभारी विजयवर्गीय ने कहा कि बिहार चुनाव होने के बाद अब पार्टी का पूरा ध्यान राजनीतिक रूप से अहम पश्चिम बंगाल पर होगा जहां से लोकसभा के लिए 42 सांसद निर्वाचित होते हैं, यह संख्या बिहार से दो सीट अधिक है।
बिहार के चुनाव परिणामों का इंतजार था : भाजपा सूत्रों ने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में 42 में से 18 सीटें जीतकर भाजपा ने पश्चिम बंगाल में गहरी पैठ बना ली है (जो 2019 के आम चुनाव में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से 4 कम है) और भाजपा राज्य की ममता बनर्जी सरकार पर आखिरी दौर का हमला शुरू करने के लिए बिहार चुनावों के संपन्न होने का इंतजार कर रही थी।
विजयवर्गीय का मानना है कि केवल बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम ही नहीं बल्कि भाजपा की देशभर में हुए उपचुनावों में जीत ने यह दिखाया है कि लोगों का विश्वास न केवल उसमें बल्कि केंद्र की भाजपा सरकार के नीतियों में भी बढ़ा है।
बंगाल में परिवर्तन का आधार तैयार : उन्होंने कहा, 'बंगाल में एक परिवर्तन के लिए आधार तैयार हो चुका है और हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि तृणमूल कांग्रेस सरकार के खिलाफ गुस्से को एक दिशा मिले। हम लोगों को तृणमूल कांग्रेस के कुशासन से मुक्त करने के लिए हमारी पूरी ऊर्जा का इस्तेमाल करेंगे।'
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में पार्टी की जीत बड़ी होगी और पार्टी दो तिहाई बहुमत हासिल करके सत्ता में आएगी।
क्या बोले अमित शाह : केंद्रीय गृह मंत्री एवं पूर्व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पिछले सप्ताह राज्य की अपनी यात्रा के दौरान कहा था कि पश्चिम बंगाल पार्टी के लिए प्रमुख ध्यान वाला राज्य है और वह यहां बड़े जनादेश के साथ जीतेगी।
लहर में बह जाएगी तृणमूल कांग्रेस : भाजपा प्रदेश प्रमुख दिलीप घोष ने कहा कि बिहार के बाद भाजपा के लिए पश्चिम बंगाल होगा। पड़ोसी राज्य बिहार में भाजपा के समर्थन में लहर पश्चिम बंगाल में भी तृणमूल कांग्रेस को बहा ले जाएगी। दोनों राज्यों के चुनावों में अंतर यह है कि हम बिहार में लगभग 15 वर्षों से सत्ता में थे, लेकिन पश्चिम बंगाल में हम एक चुनौती देने वाले हैं।
राज्य के भाजपा नेताओं के एक वर्ग ने हालांकि यह रेखांकित किया कि बिहार चुनाव परिणामों का पश्चिम बंगाल के चुनावों पर सीमाई क्षेत्रों में सीटों के अलावा बहुत कम प्रभाव होगा। हालांकि यह बंगाल में पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए मनोबल बढ़ाने का काम करेगा।
हालांकि तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा के पश्चिम बंगाल में 200 से अधिक सीटें जीतने के लक्ष्य का मखौल उड़ाया।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद एवं प्रवक्ता सौगत रॉय ने कहा कि जहां तक पश्चिम बंगाल में सत्ता में आने का सवाल है भाजपा अभी भी काल्पनिक खुशी में है। अधिकतर सीटों पर उसके उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो जाएगी।
उल्लेखनीय है कि बिहार विधानसभा चुनाव के मंगलवार को घोषित नतीजों के मुताबिक राजग को 243 सदस्यीय राज्य सदन में 125 सीटों पर जीत मिली है। इनमें से भाजपा 74 सीटें जीतकर लालू प्रसाद की राजद के बाद राज्य में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी है जबकि भाजपा की सहयोगी जदयू ने 43 सीटों पर जीत दर्ज की है। (भाषा)