• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Big statement about the army chief's ammunition
Written By
Last Updated : सोमवार, 9 मई 2022 (23:01 IST)

थलसेना प्रमुख का बड़ा बयान, रूस-यूक्रेन संघर्ष से गोला-बारूद की आपूर्ति श्रृंखला कुछ प्रभावित

थलसेना प्रमुख का बड़ा बयान, रूस-यूक्रेन संघर्ष से गोला-बारूद की आपूर्ति श्रृंखला कुछ प्रभावित - Big statement about the army chief's ammunition
नई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने सोमवार को कहा कि भारत को रूस-यूक्रेन संघर्ष के बाद के भू-राजनीतिक उतार-चढ़ाव पर बहुत बारीकी से नजर रखनी होगी और यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि मौजूदा स्थिति से अफगानिस्तान और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के घटनाक्रम से ध्यान न भटके।
 
सेना पर संघर्ष के तत्काल प्रभाव के बारे में जनरल पांडे ने कहा कि कुछ गोला-बारूद और कल-पुर्जों की आपूर्ति श्रृंखला कुछ हद तक प्रभावित हुई है, लेकिन यह भी कहा कि उपलब्ध भंडार निकट भविष्य में उचित अवधि के लिए पर्याप्त है।
 
पत्रकारों के एक समूह के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि सेना कुछ मित्र देशों के बीच वैकल्पिक स्रोतों की पहचान करके स्थिति से निपटने के लिए कुछ अन्य उपायों पर विचार कर रही है। रूस और यूक्रेन भारत को सैन्य उपकरणों के प्रमुख आपूर्तिकर्ता रहे हैं।
 
सेना प्रमुख के रूप में 30 अप्रैल को पदभार संभालने वाले जनरल पांडे ने कहा कि भारत को विशेष रूप से चीन और पाकिस्तान के संदर्भ में उभरते भू-राजनीतिक परिदृश्य में अपने दो विरोधियों के रुख पर नजर रखनी होगी। जनरल पांडे ने कहा ‍ कि उभरती हुई भू-राजनीतिक स्थिति या विश्व व्यवस्था के संदर्भ में हमें नए गठबंधन को लेकर हमें बहुत बारीकी से निगरानी करनी होगी।
 
उन्होंने चीन और पाकिस्तान के संदर्भ में कहा ‍ कि यह कुछ ऐसा है जो संघर्ष समाप्त होने के बाद स्पष्ट रूप से सामने आएगा। हमें अपने 2 विरोधियों के रुख और स्थिति को भी देखना होगा कि वे किस स्थिति में हैं।
 
सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि भारत को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यूक्रेन संकट अफगानिस्तान और हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति से ध्यान न हटा दे। उन्होंने कहा ‍ कि ए ऐसी स्थिति और मुद्दे हैं जिन पर हमें लगातार निगरानी रखनी होगी और भू-राजनीतिक उतार-चढ़ाव की स्थिति से निपटने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिक्रिया विकसित करनी होगी।
 
सेना प्रमुख ने कहा कि भारत को रूस-यूक्रेन संघर्ष से कई सबक लेने होंगे और कहा कि वायु रक्षा प्रणाली, रॉकेट, मिसाइल और कुछ टैंक से संबंधित उपकरणों के लिए सेना दोनों देशों पर निर्भर है। जनरल पांडे ने कहा ‍ कि जहां तक (संघर्ष के) तत्काल प्रभाव का संबंध है, कल-पुर्जों, गोला-बारूद की आपूर्ति श्रृंखला कुछ हद तक प्रभावित हुई है, लेकिन मैं कहूंगा कि हमारे पास निकट भविष्य में उचित अवधि के लिए पर्याप्त भंडार है।
 
उन्होंने संघर्ष में साइबर और सूचना क्षेत्र के महत्व को भी रेखांकित किया। सेना प्रमुख ने कहा ‍ कि हमने धारणाओं की लड़ाई को देखा है कि किस प्रकार इस संघर्ष में विरोधी पर लाभ प्राप्त करने के लिए सूचना का इस्तेमाल किया गया है।
ये भी पढ़ें
यूक्रेन युद्ध का अंत नजर नहीं आ रहा, पुतिन ने विजय दिवस के जरिए हमले को सही ठहराया