28 वर्ष बाद श्रीराम जन्मभूमि पहुंचे महंत नृत्य गोपाल दास, कहा- Ayodhya में मंदिर निर्माण शुरू
अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष और मणिराम दास छावनी के महंत नृत्य गोपालदास ने सोमवार को रामलला के दर्शन किए। बताया जाता है कि 1992 के बाद यह पहला मौका है जब महंत श्रीराम जन्मभूमि पहुंचे हैं।
आपको बता दें बीते दिनों अस्थाई मंदिर में रामलला को शिफ्ट करने के दौरान भी महंत नृत्य गोपाल दास अनुपस्थित थे। लगभग 28 वर्षों बाद उन्होंने रामलला के दर्शन किए हैं। दूसरी ओर, मीडिया से बातचीत करते हुए महंत ने कहा कि हम दर्शन करने आए थे। बहुत ही पवित्र जगह है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आज से मंदिर का निर्माण शुरू हो गया है।
राम जन्मभूमि परिसर में बनेगा संग्रहालय : इस बीच, खुदाई प्राप्त हो रहे अवशेषों के लिए जन्मभूमि परिसर में ही संग्रहालय बनाया जाएगा, जहां समतलीकरण के दौरान प्राप्त हो रहे अवशेषों का संरक्षण किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि वेबदुनिया से बातचीत करते हुए कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित ने भी राम जन्मभूमि में मिल रहे मंदिर के अवशेषों को स्थानीय स्तर पर ही संरक्षित करने का सुझाव दिया था।
इन पुरावशेषों में उमा माहेश्वर की पाषाण प्रतिमा, विष्णु की पाषाण प्रतिमा, नंदी व कुबेर की पाषाण प्रतिमा के अलावा आमलक, कई प्रस्तर खंड मिले थे। दूसरी बार हाईकोर्ट के निर्देश पर एएसआई ने उस समय के विवादित स्थल की खुदाई तथ्यों को जानने के लिए की थी। पुरावशेष भी यही बता रहे थे कि कि यहां वर्षों पुराना अति प्राचीन मंदिर था। जेसीबी से हो रही खुदाई में मंदिर के आमलक मूर्तियुक्त पाषाण के खंभे, प्राचीन कुआं, मंदिर के चौखट मिले हैं।
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय राम जन्मभूमि परिसर को बहुत बेहतर, संरक्षित और सुरक्षित ढंग से समतलीकरण कराने में लगे हुए हैं। इस दौरान मंदिर के मिले पुरावशेष से वह भी काफी प्रसन्न हैं। उनका कहना है कि अभी समतलीकरण के दौरान और भी पुरावशेष मिलेंगे जिसे जिलाधिकारी और पुरातत्व विभाग की देखरेख में संरक्षित किया जाएगा।
उन्होंने 'वेबदुनिया' को जानकारी देते हुए कहा कि रामजन्मभूमि परिसर में ही एक संग्रहालय बनाने की योजना पर विचार किया जा रहा है। इस विषय का सभी ट्रस्ट सदस्यों के सम्मुख विचार के लिए रखा जाएगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की देखरेख में विगत 11 मई से रामलला के गर्भ गृह का समतलीकरण के कार्य किया जा रहा है जिसमें प्राचीन मंदिर के अवशेष प्राप्त हो रहे हैं। इसको लेकर रामनगरी के संत, धर्माचार्यों के साथ राम भक्त भी प्रसन्न हैं।