Adhir Ranjan question regarding Modi's guarantee : कांग्रेस (Congress) ने सरकार से आम लोगों को गुमराह न करने की सलाह देते हुए मंगलवार को कहा कि सत्तापक्ष ने अब 'मोदी की गारंटी' (Modi's guarantee) के नए जुमले गढ़े हैं, लेकिन सरकार को यह बताना चाहिए कि 'गारंटी की वॉरंटी' क्या है? लोकसभा (Lok Sabha) में विपक्षी दल के नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chaudhary) ने इस पर सवाल उठाया।
लोकसभा में विपक्षी दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने वर्ष 2023-24 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगें-प्रथम बैच तथा वर्ष 2020-21 के लिए अतिरिक्त अनुदानों की मांगों पर चर्चा के दौरान सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आम लोगों को गुमराह करना सरकार का काम नहीं होता, सरकार इससे बाज आए।
उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से रोजाना सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की बात सुनाई जाती है, लेकिन उसे (सरकार को) क्या पता है कि लोगों के आर्थिक हालात क्या हैं? उन्होंने कहा कि सरकार को इस तरह से जनता को बरगलाना नहीं चाहिए।
अब नया जुमला 'मोदी की गारंटी' सुनने को मिल रहा? : चौधरी ने कहा कि रोज सुबह से शाम तक अब नया जुमला 'मोदी की गारंटी' सुनने को मिल रहा है और इससे पहले तक 'मोदी है तो मुमकिन है' का नारा था। उन्होंने कहा कि अब नारे बदल गए, पर बात यह है कि गारंटी किसकी है? और गारंटी की वॉरंटी भी होती है, तो यह वॉरंटी क्या है?
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने 2014 के चुनाव से पहले 2 करोड़ नौकरी देने, हर आदमी के खाते में 15 लाख रुपए डालने तथा कालाधन वापस लाने के वादे किए थे, उनका क्या हुआ? उन्होंने अर्थशास्त्री रघुराम राजन की एक रिपोर्ट को उद्धृत करते हुए कहा कि सरकार को जनता को गुमराह नहीं करना चाहिए।
चौधरी ने कहा कि उन्हें मोदी से कोई दुश्मनी नहीं है, लेकिन जिस तरह से सुबह से लेकर शाम तक मोदी का गुणगान सदन में होता है तो उनकी यह सलाह है कि सत्तापक्ष के सदस्य सुबह सदन आने से पहले 'मोदी स्तुति' करके सदन में आया करें। उन्होंने कहा कि यदि सब कुछ देश में ठीक है तो मोदीजी ने 5 साल अन्न की गारंटी संबंधी योजना क्यों चलाई और वे रेवड़ियां बांटने के लिए क्यों बेचैन हैं?
अल्पसंख्यकों का बजट कम करने का आरोप : इससे पहले कल अधूरी रही चर्चा को आगे बढ़ाते हुए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के सैयद इम्तियाज जलील ने अल्पसंख्यकों का बजट कम करने का सरकार पर आरोप लगाया। उन्होंने सरकार की चीन की नीति पर भी सवाल खड़े किए।
ऑल इंडिया अन्नाद्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के पी. रवीन्द्रनाथ ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रम (एमएसएमई) क्षेत्र के लिए आपातकालीन ऋण गारंटी योजना शुरू करने की मांग की। आम आदमी पार्टी के सुशील कुमार रिंकू ने पंजाब सरकार के करीब 8 हजार करोड़ रुपए बकाए के भुगतान की मांग की।
कांग्रेस के ही राजमोहन उन्नीथन ने शिक्षा के क्षेत्र में बजट कटौती का आरोप लगाते हुए कहा कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों में 'ड्रॉपआउट' (बीच में ही पढ़ाई छोड़ने) की दर बढ़ रही है। एआईयूडीएफ के बदरुद्दीन अजमल ने अपने क्षेत्र की विभिन्न परियोजनाओं के लिए धनराशि की मांग की।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta