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Last Updated : गुरुवार, 23 मार्च 2023 (21:44 IST)

अभयजी का जाना यानी भाषाई पत्रकारिता की आखिरी ईंट का दरकना

हिन्दी पत्रकारिता के पुरोधा अभयजी पंचतत्व में विलीन

अभयजी का जाना यानी भाषाई पत्रकारिता की आखिरी ईंट का दरकना - Abhay Chhajlanis funeral
इंदौर। नईदुनिया के पूर्व प्रधान संपादक और हिन्दी पत्रकारिता के अग्रणी व्यक्तित्व श्री अभय छजलानी जी नहीं रहे। रीजनल पार्क श्मशान घाट पर आयोजित श्रद्‍धांजलि सभा में वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग ने कहा कि अभयजी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनके जाने से हिन्दी पत्रकारिता, भाषाई पत्रकारिता की आखिरी ईंट भी दरक गई। हमें बहुत दिनों बाद पता चलेगा कि हमारे बीच से कुछ गायब हो गया, जो हमारे पास नहीं है। 
श्रवण गर्ग ने कहा कि मैंने अभयजी की प्रेरणा से ही लिखना शुरू किया था। आज आप हिन्दुस्तान के किसी भी अखबार, टीवी चैनल, वेबसाइट में चले जाइए आपको नईदुनिया के सिखाए हुए संपादक और पत्रकार मिल जाएंगे। राहुल बारपुते, शरद जोशी, रणवीर सक्सेना, प्रभाष जोशी, राजेन्द्र माथुर की बात करें तो उस दौर में पत्रकारिता का पूरा आकाश नईदुनिया में उपस्थित था। आज अभयजी के जाने से बहुत बड़ा शून्य उत्पन्न हो गया है। शहर की गुल्लक खाली हो रही है और उसमें नए सिक्के भी नहीं पड़ रहे हैं। 
 
मध्यप्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि अभयजी के जाने से हिन्दी पत्रकारिता के एक युग का अंत हो गया। उनके बारे में जितना भी बोला जाए, कम है। अभयजी इंदौर का गौरव, संकल्प और चिंतन थे। वे इदौर का विकास थे।
 
अभयजी के करीबी और पारिवारिक मित्र एवं उद्योगपति डॉ. रमेश बाहेती ने उनके साथ अपने संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें कई बड़े सम्मान प्राप्त हुए, उन्होंने कई उपलब्धियां हासिल कीं, लेकिन उनमें बिलकुल भी अभिमान नहीं था। सदा उनके मन में इंदौर को लेकर चिंता हुआ करती थी। वे हमेशा यही सोचते थे कि इंदौर के विकास के लिए क्या किया जाए या फिर इंदौर कैसे आगे बढ़े। 
मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री नरेन्द्र नाहटा ने कहा कि अभयजी का व्यक्तित्व ऐसा था, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। हिन्दी भाषा की पत्रकारिता को उन्होंने नया आयाम दिया। यहां तक कि उन्होंने हम जैसे पाठकों को पढ़ना सिखाया। इंदौर उनके मन और आत्मा में बसा हुआ था। अभयजी के निधन से इंदौर ने अपना एक शुभचिंतक खो दिया। 
 
विधायक आकाश विजयवर्गीय ने कहा कि इंदौर को लेकर उनकी चिंता हमेशा दिखाई देती थी। उनसे बातचीत करके मुझे भी प्रेरणा मिलती थी। 
 
इस अवसर पर गौतम कोठारी, विधायक रमेश मेंदोला, मधु वर्मा, स्वप्निल कोठारी, किशोर भुराड़िया, जयप्रकाश भुराड़िया, अभय जैन, अनिल त्रिवेदी, पूर्व विधायक अश्विन जोशी, रामेश्वर गुप्ता, प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविन्द तिवारी, पत्रकार जयदीप कर्णिक, संजय पटेल समेत बड़ी संख्या में नेता, पत्रकार एवं समाजसेवी उपस्थित थे।
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