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Last Modified: शनिवार, 23 नवंबर 2024 (12:45 IST)

झारखंड में I.N.D.I.A गठबंधन की जीत के 5 बड़े कारण, हेमंत सोरेन ने सत्ता में वापसी कर रचा इतिहास

झारखंड में I.N.D.I.A  गठबंधन की जीत के 5 बड़े कारण, हेमंत सोरेन ने सत्ता में वापसी कर रचा इतिहास - 5 big reasons for the victory of I.N.D.I.A alliance in Jharkhand,
झारखंड विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन ने प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करती हुई दिख रही है। अब तक आए चुनावी रूझान और नतीजे बताते है कि झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा में इंडिया गठबंधन 50 से अधिक सीटें जीत सकती है। आखिरी झारखंड में इंडिया गठबंधन की जीत के 5 बड़े कारण क्या है, इसको समझते है।

1-मईयां सम्मान योजना जीत का ट्रंप कार्ड-महाराष्ट्र की तरह झारखंड विधानसभा चुनाव में भी महिला वोटर्स गेमचेंजर साबित हुआ। विधानसभा चुनाव से छह महीने पहले जब जेल से बाहर आकर हेमंत सोरेन ने राज्य की कमान अपने हाथों में ली तो उन्होंने मईयां सम्मान योजना लागू करने का एलान कर महिलाओं के खाते में एक-एक हजार रुपए भेजे और चुनाव नतीजे बताते है कि महिला वोटर्स ने चुनाव में खुलकर जेएमएम और उसके सहयोगी पार्टी कांग्रेस के पक्ष में मतदान किया। जेएमएम की जीत के बाज हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने जीत का कारण भी भी मईया को बताया।
2-आदिवासी अस्मिता का मुद्दा बड़ा कारण-झारखंड विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन ने आदिवासी अस्मिता का मुद्दा खूब उछाला। झारखंड की कुल 81 विधानसभा सीटों में से 28 विधानसभा सीटें आदिवासी समुदाय के लिए रिजर्व थी और चुनाव रूझान और नतीजे बताते है कि इन आदिवासी सीटों पर हेमंत सोरेन की पार्टी जेएमम के साथ इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस काफी बेहतर प्रदर्शन करती दिख रही है। झारखंड में कुल आदिवासी मतदाता 26 प्रतिशत हैं।
 

3-हेमंत सोरेन का जेल भेजना,चुनाव में इमोशनल कार्ड-झारखंड में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जेल से बाहर आने के बाद हेमंत सोरेन ने जब राज्य की बागडोर अपने हाथों में संभाली तो उन्होंने विक्टिम कार्ड खूब खेला। उन्होंने भाजपा पर जानबूझकर उनको जेल में डालने और सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया। जेएमएम ने हेमंत सोरेन को जेल जाने के आदिवासी सम्मान से जोड़ दिया है और ‘जेल का जवाब वोट से’ देने का नारा देकर वोटर्स को लुभाने की कोशिश की वह कामयाब होती दिख रही है। चुनाव में हेमंत सोरेन ने जो सहानुभूूति कार्ड खेला उसका फायदा उनको मिला।

4-हेमंत सोरेन के सामने भाजपा का सीएम का चेहरा नहीं देना-झारखंड में इंडिया गठबंधन की जीत और भाजपा की हार का बड़ा कारण मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का चेहरा भी रहा। विधानसभा चुनाव में भाजपा का सीएम का चेहरा नहीं घोषित करना भी जीत हार के बीच का बड़ा फैक्टर रहा। विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने जेएमम में बड़ी तोडफोड़ करते हुए जिस तरह से चंपई सोरेन को पार्टी में शामिल किया उसको जेएमम ने चुनाव में भाजपा की खरीद फरोख्त की राजनीत से जोड़ दिया। वहीं इंडिया गठबंधन ने हेमंत सोरेन की सरकर के कामकाज को जनता के बीच खूब भुनाया और और चुनाव नतीजे बताते है कि जनता ने हेमंत सोरेन के चेहरे पर भी भरोसा जताया।

5-चुनावी रणनीति और मुद्दों के चुनाव में चूकी भाजपा–झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार का बड़ा कारण उसका चुनावी मुद्दों में चूकना है। भाजपा ने जिस तरह से चुनाव में बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा उठाकर वोटरों को डारने की राजनीति की वह सफल होती नहीं दिख रही। इसके साथ भाजपा चुनाव में हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ एंटी इंकम्बेंसी का फायदा नहीं उठा पाई। पूरे चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा शहरी और ग्रामीण इलाकों में अलग-अलग मुद्दों पर चुनाव लड़ती हुई दिखाई दी जिससे वह वोटरों में विश्वास नहीं बना पाई। झारखंड में भाजपा स्थानीय मुद्दों को दरकिनार कर बड़े मुद्दों पर चुनाव लड़ती हुई दिखाई दी, इससे वह एंटी इंकम्बेंसी का फायदा नहीं उठा पाई।   
 
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