88 साल के गौर ने 11वीं बार विधायक बनने के लिए की दावेदारी, बहू का नाम भी किया आगे
भोपाल। भाजपा में टिकट को लेकर अब खींचतान शुरू हो गई है। 75 पार के फार्मूला का हवाला देकर शिवराज कैबिनेट से हटाए गए पार्टी के दिग्गज नेता बाबूलाल गौर ने एक बार फिर टिकट के लिए दावेदारी पेश कर दी है।
बताया जा रहा कि 10 बार के विधायक बाबूलाल गौर ने दावेदारी पेश करने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जंबूरी मैदान में उनसे 'एक बार और' कही गई बात का हवाला भी पार्टी के नेताओं के सामने रखा। पीएम मोदी के इस बयान के बाद से ये कयास लगाए जा रहे हैं कि गौर की दावेदारी को केंद्रीय नेतृत्व ने हरी झंडी दे दी है।
वहीं इससे पहले खुद बाबूलाल गौर कई बार ये कह चुके हैं कि वो 11वीं बार फिर गोविंदपुरा सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे और उन्हें विश्वास है कि पार्टी उनको ही टिकट देगी। वहीं भाजपा का गढ़ माने जाने वाली गोविंदपुरा सीट से इस बार कई दावेदार सामने आए हैं।
इस सीट के प्रमुख दावेदारों में बाबूलाल गौर की बहू और पूर्व महापौर कृष्णा गौर, वर्तमान महापौर आलोक शर्मा, पर्यटन निगम के चेयरमैन तपन भौमिक शामिल हैं। ये सभी नेता पिछले लंबे समय से पार्टी के मंच और मीडिया के सामने गोविंदपुरा से अपनी दावेदारी पेश कर चुके हैं।
गौर ने बहू का नाम आगे बढ़ाया : इसके साथ ही बाबूलाल गौर ने रायशुमारी में एक बड़ा दांव चलते हुए तीन नामों के पैनल के लिए बहू कृष्णा गौर का नाम भी आगे कर दिया है। गौर ने ये दांव उस वक्त चला है जब एक दिन पहले ही गोविंदापुरा में वंशवाद को लेकर कुछ बीजेपी कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया था। सुंदरकांड के जरिए किए गए विरोध प्रदर्शन में कार्यकर्ताओं ने बाबूलाल गौर या बहू कृष्णा गौर को टिकट दिए जाने का विरोध किया था।
विरोध प्रदर्शन पर बीजेपी सख्त : वहीं बाबूलाल गौर के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन को लेकर भाजपा के प्रदेश नेतृत्व सख्त हो गया है। प्रदेश नेतृत्व ने पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है। वहीं चर्चा इस बात की भी है कि पार्टी विरोध प्रदर्शन करने वाले कार्यकर्ताओं पर कड़ी कार्रवाई कर सकती है।