बुधवार, 9 अप्रैल 2025
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. वीमेन कॉर्नर
  3. मदर्स डे
  4. Happy Mothers Day
Written By

मां पर शैलेष लोढ़ा की कविता : बस यही मां की परिभाषा है

MothersDay
हम एक शब्द हैं तो वह पूरी भाषा है,
हम कुंठित हैं तो वह एक अभिलाषा है। 
बस यही मां की परिभाषा है...
 
हम समुंदर का है तेज तो वह झरनों का निर्मल स्वर है,
हम एक शूल है तो वह सहस्त्र ढाल प्रखर है।
 
हम दुनिया के हैं अंग, वह उसकी अनुक्रमणिका है,
हम पत्थर की हैं संग वह कंचन की कृनीका है।
 
हम बकवास हैं वह भाषण हैं हम सरकार हैं वह शासन हैं,
हम लव कुश है वह सीता है, हम छंद हैं वह कविता है।
 
हम राजा हैं वह राज है, हम मस्तक हैं वह ताज है,
वही सरस्वती का उद्गम है रणचंडी और नासा है।
 
हम एक शब्द हैं तो वह पूरी भाषा है,
बस यही मां की परिभाषा है।
 
कवि - शैलेष लोढ़ा
ये भी पढ़ें
Indore के सब्ज़ी वाले की बेटी Ankita Nagar बनीं सिविल जज, जानिए संघर्ष की कहानी