मंगलवार, 19 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. चुनाव 2024
  2. विधानसभा चुनाव 2024
  3. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024
  4. maharashtra assembly vidhan sabha election 2024 bjp dcm devendra fadnavis first reaction over money distribution allegations on vinod tawde
Last Updated :मुंबई/नागपुर , मंगलवार, 19 नवंबर 2024 (22:36 IST)

Maharashtra : विनोद तावड़े के बचाव में उतरे भाजपा नेता, बताई पूरी कहानी

Maharashtra : विनोद तावड़े के बचाव में उतरे भाजपा नेता, बताई पूरी कहानी - maharashtra assembly vidhan sabha election 2024 bjp dcm devendra fadnavis first reaction over money distribution allegations on vinod tawde
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मतदाताओं को लुभाने के लिए पांच करोड़ रुपये बांटने के आरोप लगने के कुछ घंटों बाद, भाजपा महासचिव विनोद तावडे ने उनके खिलाफ लगाये गए आरोपों को मंगलवार को ‘‘बेबुनियाद’’ करार दिया और निर्वाचन आयोग से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करने का आग्रह किया।
उप मुख्यमंत्री और भाजपा नेता ने तावडे को एक तरह से ‘क्लीनचिट’ देते हुए कहा कि उनके पास कोई पैसा नहीं था और वह किसी गैर कानूनी गतिविधि में संलिप्त नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी एमवीए गठबंधन 20 नवंबर को होने वाले चुनाव में तय हार को देखते हुए लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहा है।
 
तावडे ने कहा कि मतदाताओं को पैसा बांटने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने दावा किया कि वह अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ केवल चुनाव संबंधी मुद्दों पर चर्चा कर रहे थे।
 
राज्य विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार को होने जा रहे मतदान से एक दिन पहले, बहुजन विकास आघाडी (बीवीए) ने तावडे पर मतदाताओं को लुभाने के लिए पांच करोड़ रुपये बांटने का आरोप लगाया।
 
‘‘पैसे बांटे जाने’’ के वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आये। इनमें से कई वीडियो बीवीए सदस्यों ने बनाये थे, जो पालघर जिले के विरार कस्बे में उस होटल के हॉल में घुस गए थे जहां तावडे मौजूद थे। ये वीडियो वायरल होने के बाद, पुलिस ने कथित तौर पर पैसे बांटे जाने के सिलसिले में दो प्राथमिकी दर्ज की।
 
शाम को जारी अपने बयान में तावडे ने कहा कि होटल में उनका दौरा नालासोपारा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे भाजपा उम्मीदवार राजन नाइक से मुलाकात करने के लिए था।
उन्होंने कहा, ‘‘वाडा (पालघर) से मुंबई लौटते समय मुझे राजन नाइक का फोन आया, जिन्होंने मुझे वसई के एक होटल में चाय के लिए आमंत्रित किया, जहां पार्टी कार्यकर्ता एकत्र हुए थे। वहां पहुंचने के बाद, हमने स्वाभाविक रूप से चुनाव संबंधी मुद्दों, विशेष रूप से मतदान के दिन की तकनीकी प्रक्रियाओं और बरती जाने वाली सावधानियों पर चर्चा की।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अचानक, दूसरी पार्टी के कुछ कार्यकर्ता अंदर घुस आए और मुझे घेर लिया, और जोर-जोर से चिल्लाने लगे। बाद में मुझे पता चला कि वे बहुजन विकास आघाडी (बीवीए) के थे।’’
 
तावडे ने बताया कि इसके बाद उन्होंने बीवीए प्रमुख हितेंद्र ठाकुर को फोन किया और उनसे स्थिति को नियंत्रित करने का आग्रह किया।
 
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने हितेंद्र ठाकुर से संपर्क किया और उनसे अपने पार्टी कार्यकर्ताओं पर नियंत्रण रखने का अनुरोध किया। वह और (बीवीए) विधायक क्षितिज ठाकुर, दोनों होटल पहुंचे। संक्षिप्त बातचीत के बाद, तनाव कम करने के लिए मैं उनके साथ एक वाहन में सवार होकर वहां से चला गया।’’
 
तावडे ने कहा, ‘‘मेरे द्वारा पैसे बांटने का कोई सवाल ही नहीं है। मैं तो बस चाय पर अपने कार्यकर्ताओं से मिल रहा था और चुनाव संबंधी मुद्दों पर चर्चा कर रहा था। ये आरोप निराधार हैं।’’
 
उन्होंने होटल में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगालने की मांग की और कहा, ‘‘सीसीटीवी फुटेज की जांच की जाए और निर्वाचन आयोग को निष्पक्ष जांच करने दिया जाए। इससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि वास्तव में क्या हुआ था। सच सामने आ जाएगा।’’
 
फडणवीस ने नागपुर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘तावडे दोषी नहीं हैं। उनके पास कोई पैसा नहीं था और न ही वे किसी गैरकानूनी गतिविधि में संलिप्त थे। उनके पास कोई आपत्तिजनक वस्तु नहीं मिली। तावडे का दौरा केवल हमारे पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए था।’’
 
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यह कवर फायरिंग की तरह है। चूंकि एमवीए को कल के मतदान में हार का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए वे (लोगों का) ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।’’
 
विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) ने तावडे और भारतीय जनता पार्टी की आलोचना करते हुए भाजपा पर ‘‘पैसों के बदले वोट’’ और ‘‘नोट जिहाद’’ में लिप्त होने के साथ-साथ सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने और भ्रष्ट आचरण का आरोप लगाया।
 
बयान में, तावडे ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राकांपा (एसपी) की सुप्रिया सुले समेत विपक्षी नेताओं द्वारा टिप्पणी किये जाने को लेकर उनकी आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘‘आरोप लगाने वाले नेताओं को पहले स्थिति की वास्तविकता को जान लेना चाहिए।’’ इनपुट भाषा