मध्यप्रदेश में दरिंदे को 5 दिन में फांसी, 5 साल की मासूम से किया था दुष्कर्म
ग्वालियर/कटनी। मध्यप्रदेश में दुष्कर्म और दुष्कर्म के बाद हत्या के दो मामलों में अदालत ने शुक्रवार को दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। जिसमें कटनी में पांच साल की बच्ची से दुष्कर्म मामले में केवल 5 दिन में सजा सुनाई, जबकि ग्वालियर में 6 वर्षीय मासूम से दुष्कर्म के बाद हत्या की गई थी। इस मामले में भी 37 दिन में फैसला आया। दुष्कर्मी ने बच्ची को चॉकलेट के बहाने ले जाकर किया दुष्कर्म किया और गुनाह छिपाने के लिए उसकी हत्या कर दी।
खबरों के मुताबिक, कटनी में पांच साल की बच्ची से दुष्कर्म में दोषी को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। मप्र सरकार के विशेष अधिनियम 2018 के तहत नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में महज पांच दिन में सुनवाई पूरी करते हुए फांसी की सजा देने का देश में संभवत: अपनी तरह का यह पहला मामला है। कोतवाली थाना अंतर्गत पांच वर्षीय बच्ची के परिजन ने 6 जुलाई की रात थाने में शिकायत की थी कि उनकी बच्ची के साथ 4 जुलाई को स्कूल ले जाते समय ऑटो चालक राजकुमार कोल (34) ने सूने इलाके में दुष्कर्म किया।
ऑटो चालक को धारा 376 (2 आई) व पॉक्सो एक्ट के तहत 7 जुलाई को गिरफ्तार किया गया। 23 जुलाई से मामले की सुनवाई शुरू हुई। षष्ठम अपर सत्र न्यायाधीश माधुरी राजलालजी ने पांच दिन चली सुनवाई के बाद शुक्रवार को फैसला सुना दिया। कोतवाली थाना प्रभारी शैलेष मिश्र ने कोर्ट से निर्धारित समय सीमा में सुनवाई की गुहार की। कोर्ट ने भी सुनिश्चित करने को कहा वारंट जारी होते ही सारे गवाह कोर्ट में मौजूद रहे। इसमें सबसे खास बात यह रही कि पुलिस के आग्रह पर सभी गवाह निर्धारित दिनों में गवाही देने पहुंच गए। कोर्ट ने तीन दिन तक इस मामले की सुनवाई के अतिरिक्त किसी अन्य मामले की सुनवाई नहीं की।
6 वर्षीय मासूम से दुष्कर्म के बाद हत्या के दुष्कर्मी को फांसी : वहीं एक अन्य मामले में ग्वालियर में 6 वर्षीय मासूम से दुष्कर्म के बाद हत्या की गई थी। ग्वालियर में विशेष सत्र न्यायाधीश अर्चना सिंह ने शुक्रवार को 6 साल की मासूम के साथ दुष्कर्म कर हत्या करने वाले जितेन्द्र कुशवाह पुत्र रामप्रसाद कुशवाह को दुष्कर्म व हत्या की धाराओं में दोषी पाते हुए फांसी की सजा सुनाई। कोर्ट ने आदेश दिया कि दोषी के गले में फंदा डालकर जब तक लटकाया जाए, तब तक उसके प्राण नहीं निकल जाएं।
न्यू विजय नगर आमखो स्थित सामुदायिक भवन में 20 जून को आयोजित शादी समारोह में जितेन्द्र बिन बुलाए पहुंचा था। पानी के स्टाल के पास से चॉकलेट देने के बहाने वह 6 साल की मासूम को अपने साथ ले गया। उसके बाद कैंसर पहाड़ी के जंगल में मासूम के साथ दुष्कर्म किया।
दुष्कर्म के बाद अपराध छिपाने के लिए मासूम की वीभत्स तरीके से हत्या कर दी और शव झाड़ियों में फेंक दिया। 21 जून को मासूम का शव मिला। पुलिस ने 12 दिन में जांच खत्म कर कोर्ट में 2 जुलाई को चालान पेश किया, जिसके बाद कोर्ट में प्रतिदिन गवाही चली। घटना के 37 दिन में कोर्ट ने फैसला सुना दिया। मामले में 11 दिन में 33 गवाह पूरे करा दिए।