मंत्रियों, अधिकारियों, स्वयंसेवियों ने पढ़ाया बच्चों को
भोपाल। सरकार के 'मिल बांचे मध्यप्रदेश' अभियान के पहले चरण में मंत्रियों और अधिकारियों ने शनिवार को स्कूलों में जाकर बच्चों को पढ़ाया।
प्रदेश के तकनीकी शिक्षा एवं स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री दीपक जोशी उसी स्कूल में पढ़ाने पहुंचे, जहां वह कभी पढ़े थे। देवास जिले के हाटपीपल्या में शासकीय माध्यमिक विद्यालय पहुंचकर जोशी ने बच्चों के साथ सितोलिया भी खेला। उन्होंने बच्चों को सीख दी कि जीवन में आत्म-विश्वास और लगन के सहारे उन्नति करें। उन्होंने अपने शिक्षक रहे प्रेमचंद पाराशर का सम्मान किया।
रायसेन जिले में तीन मंत्रियों ने बच्चों से संवाद किया। वनमंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार ने ग्राम मेंडकी के स्कूल में बच्चों से संवाद किया। जिले के ही ग्राम मूडला चावल के हाईस्कूल में लोक निर्माण मंत्री रामपालसिंह बच्चों से रूबरू हुए।
इंदौर में भी कई अधिकारी, नेता और स्वयंसेवी विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में पहुंचे और बच्चों से रूबरू हुए। शहर के ही एकलव्य आवासीय विद्यालय के बच्चों से वेबदुनिया के समाचार संपादक वृजेन्द्रसिंह झाला रूबरू हुए। इस दौरान बच्चों ने कहानियां और कविताएं सुनाईं। विशेष रूप से पिछड़े आदिवासी बच्चों ने अपनी प्रस्तुति से उपस्थितजनों को प्रभावित किया।
माता-पिता बनें बच्चों के मित्र : समन्वय भवन में आयोजित राज्य स्तरीय 'मिल बांचे मध्यप्रदेश' कार्यक्रम को संबोधित कर करते हुए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि माता-पिता अपने बच्चों के मित्र बनें। उन्हें प्यार से सिखायें। मध्यप्रदेश में राज्य सरकार कोशिश कर रही है कि बच्चों के बस्तों का बोझ कम हो।