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Last Updated :कोलकाता , रविवार, 10 मार्च 2024 (18:40 IST)

अधीर रंजन के सामने ममता ने यूसुफ पठान को क्यों खड़ा किया? कांग्रेस दिग्गज की नैया होगी पार?

बहरामपुर सीट पर 50 प्रतिशत से ज्यादा अल्पसंख्यक वोटर

अधीर रंजन के सामने ममता ने यूसुफ पठान को क्यों खड़ा किया? कांग्रेस दिग्गज की नैया होगी पार? - TMC fields Yusuf Pathan from Congress MP Adhir Ranjan Chowdhurys Baharampur constituency
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने रविवार को राज्य की सभी 42 लोकसभा सीट के लिए पार्टी उम्मीदवारों की सूची जारी की। पार्टी ने सात सांसदों को टिकट नहीं दिया है और कुछ नए चेहरों को मैदान में उतारा है जिनमें पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान का नाम भी शामिल है। 
अधीर रंजन की सीट पर क्रिकेटर यूसुफ पठान को उतार कर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कांग्रेस को सीधे संकेत भी दिए हैं। पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान को बहरामपुर लोकसभा सीट से नामांकित किया गया है, जो ऐतिहासिक रूप से राज्य कांग्रेस प्रमुख और पांच बार के सांसद अधीर रंजन चौधरी का गढ़ है।
 
अधीर रजंन को सीधी चुनौती : ममता बनर्जी ने अधीर रंजन के सामने ममता ने युसूफ पठान को उतारकर एक 'सबक' सिखाने की भी शुरुआत की है। बहरामपुर ऐसी लोकसभा सीट है जिस पर 50 प्रतिशत से ज्यादा अल्पसंख्यक वोटर हैं। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को अल्पसंख्यक मत एकमुश्त मिलते रहे हैं। ऐसे में यूसुफ पठान जैसे लोकप्रिय प्रत्याशी को उतारकर ममता ने अधीर रंजन के लिए बड़ी चुनौती पेश कर दी है। 
 
क्या बोले अधीर रंजन : कांग्रेस नेता अधीर चौधरी ने कहा कि अगर टीएमसी यूसुफ पठान का सम्मान करना चाहती थी, तो उन्हें 'बाहरी लोगों' को भेजने के बजाय उन्हें राज्यसभा भेजना चाहिए था। 
 
अगर ममता बनर्जी के यूसुफ पठान के लिए अच्छे इरादे थे, तो वह गुजरात में यूसुफ पठान के लिए गठबंधन से एक सीट मांग सकती थीं। लेकिन यहां पश्चिम बंगाल में, उन्हें आम आदमी का ध्रुवीकरण करने और भाजपा की मदद करने के लिए एक उम्मीदवार के रूप में चुना गया है, ताकि कांग्रेस को हराया जा सके।
 
शत्रुघ्न सिन्हा फिर आसनसोल से : तृणमूल कांग्रेस ने पुराने नेताओं और अगली पीढ़ी के नेताओं के बीच जारी कथित सत्ता संघर्ष के बीच अनुभवी नेताओं और नई प्रतिभा का सामंजस्य बनाए रखा। अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा को असानसोल से फिर से चुनाव मैदान में उतारा गया है। सिन्हा ने पिछला चुनाव भी आसनसोल से जीता था।
बसीरहाट लोकसभा सीट से पार्टी ने पूर्व सांसद हाजी नुरुल इस्लाम को मैदान में उतारा है और यहां से सांसद नुसरत जहां को टिकट नहीं मिला है। हाल ही में चर्चा में रहा संदेशखालि इसी लोकसभा क्षेत्र में स्थित है।
 
पार्टी ने 23 सांसदों में से 16 पर भरोसा जताया है। तृणमूल कांग्रेस ने सात मौजूदा सांसदों को टिकट नहीं दिया है जिनमें बैरकपुर से सांसद अर्जुन सिंह भी शामिल हैं जो दो साल पहले भाजपा छोड़कर सत्तारूढ़ दल में शामिल हो गये थे।
 
नए चेहरों में 12 महिला और 26 पुरुष शामिल हैं, जिनमें मौजूदा सांसद और पिछले दावेदार शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, पश्चिम बंगाल कैबिनेट के दो मंत्रियों -पार्थ भौमिक और बिप्लब मित्रा- सहित नौ विधायकों को लोकसभा का टिकट दिया गया है।
 
कोलकाता में एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘मैंने उम्मीदवार खड़े किए हैं, कुछ लोगों को टिकट नहीं दिया गया है। जिन लोगों को दोबारा नामांकित नहीं किया गया है, उन्हें विधानसभा चुनाव के दौरान समायोजित किया जाएगा।’’
 
तृणमूल नेता महुआ मोइत्रा को कृष्णानगर सीट से पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया है। महुआ को पिछले साल सवाल के लिये धन के मामले में लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था ।
 
पूर्व क्रिकेटर और पार्टी नेता कीर्ति आजाद को बर्धमान-दुर्गापुर निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया गया है, जो 2019 में भाजपा से हार गए थे।
 
लोकसभा चुनाव के लिए मैदान में उतारे गये नौ विधायकों में भाजपा छोड़कर आए बिस्वजीत दास और मुकुटमणि अधिकारी शामिल हैं। बिस्वजीत दास और मुकुटमणि अधिकारी मटुआ समुदाय के गढ़ बोनगांव और राणाघाट से चुनाव लड़ेंगे, जहां से सत्तारूढ़ दल 2019 में भाजपा से हार गया था ।
 
पार्टी ने अनुभवी नेताओं और नए लोगों के बीच संतुलन बनाये रखा है। तीन बार के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय, सौगत रॉय, सताब्दी रॉय, कल्याण बनर्जी और काकोली घोष दस्तीदार को क्रमश: उतर कोलकाता, दमदम, बीरभूम, सेरामपुर एवं बारासात से दोबारा टिकट दिया गया है ।
 
पार्टी ने सायोनी घोष, देबांगशु भट्टाचार्य, गोपाल लामा, विधायक जून मालिया, बापी हलदर और अभिनेत्री रचना बनर्जी जैसे नए चेहरों को भी चुनावी मैदान में उातारा है।
 
कांथी और तमलुक के तृणमूल सांसद शिशिर अधिकारी और दिब्येंदु अधिकारी दिसंबर, 2020 में उनके परिवार के सदस्य शुभेंदु अधिकारी के भाजा में शामिल होने के बाद से पार्टी से दूरी बनाए हुए हैं। इन दोनों सांसदों के नाम पार्टी की सूची में नहीं है ।
 
इसके अलावा, सुजाता मंडल खान को उनके पूर्व पति और मौजूदा भाजपा सांसद सौमित्र खान के खिलाफ बिष्णुपुर सीट से मैदान में उतारा गया है। भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी प्रसून बनर्जी को मालदा उत्तर सीट से मैदान में उतारा गया है। एजेंसियां
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