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Last Updated : रविवार, 2 जून 2024 (16:58 IST)

Exit Poll 2024:मध्यप्रदेश में क्लीन स्वीप से चूकेगी भाजपा!,छिंदवाड़ा के साथ इन 3-4 सीटों पर कांटे की टक्कर

भाजपा पूरा कर पाएगी मिशन-29 का लक्ष्य, लोकसभा चुनाव के नतीजों पर वरिष्ठ पत्रकारों का नजरिया?

Exit Poll 2024:मध्यप्रदेश में क्लीन स्वीप से चूकेगी भाजपा!,छिंदवाड़ा के साथ इन 3-4 सीटों पर कांटे की टक्कर - Exit poll of Madhya Pradesh in Lok Sabha elections
सात चरणों में लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद अब सबनी नजरें 4 जून को आने वाले चुनाव नतीजों पर टिक गई है। चुनाव नतीजे आने से पहले अब एग्जिट पोल आ गए है। मध्यप्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर कैसे रहेंगे चुनाव नतीजे, इस पर प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकारों से बात करके उनके चुनावी अनुमान जानने की कोशिश की। आए देखते हैं कि क्या वरिष्ठ पत्रकारों का नजरिया।

मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार दिनेश गुप्ता कहते हैं कि मध्यप्रदेश भाजपा के गढ़ में पहचाना जाता है और जो राजनीतिक परिस्थितियां है उसमें भाजपा अधिकतर सीटें जीतती आई है। लोकसभा के लिहाज से मध्यप्रदेश भाजपा का राज्य माना जाता है, ऐसे में कह सकते है कि भाजपा का प्रदर्शन बेहतर होगा और पार्टी प्रदेश की कुल 29 लोकसभा सीटों में से 27 सीटें जीत सकती है। वहीं दिनेश गुप्ता कहते हैं कि कांग्रेस के बड़े नेता चुनावी मैदान में है और उसने टिकट बंटवारे में जातिगत समीकरण साधने की कोशिश की है तो कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद कर सकती है। 

वहीं दूसरी ओर भाजपा के प्रत्याशियों का चयन के कारण पांच से छह सीटों टफ मुकाबले में मानी जा रही है और इनको लेकर कोई सटीक अनुमान नहीं लगाया जा सकता। इनमें राजगढ़ आती है औऱ कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह को उतारा है और इससे अच्छा उम्मीदवार हो ही नहीं सकता। इसके साथ मुरैना लोकसभा सीट है जहां भाजपा और कांग्रेस में सीधा मुकाबला है। इसके साथ झाबुआ और छिंदवाड़ा भी ऐसी सीटें है जहां भाजपा की राह बहुत आसान नहीं होने वाली है।

मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार धमेंद्र पैगवार लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर कहते हैं कि केंद्र में भारतीय जनता पार्टी अपने दम पर स्पष्ट बहुमत प्राप्त करने जा रही है वहीं दूसरी ओर मध्यप्रदेश में भाजपा जीत तो रही है लेकिन इतना तो तय है कि मध्य प्रदेश में भाजपा क्लीन स्वीप नहीं कर रही है। प्रदेश की सबसे हाईप्रोफाइल सीट छिंदवाड़ा पर जहां कांग्रेस भाजपा पर भारी पड़ती दिखाई दे रही है वहीं प्रदेश के 2 से 3 सीट सिर्फ प्रत्याशी चयन के कांटे के मुकाबले में फंस गई है।

राजनीतिक विश्लेषक धर्मेंद्र पैगवार कहते हैं कि प्रदेश की कुल 29 लोकसभा सीटों के चुनाव परिणाम 26-3 या 25-4 हो सकते है। वह कहते है कि भाजपा ने जहां पूरा चुनाव राष्ट्रीय मुददों पर लड़ा,वहीं कांग्रेस स्थानीय मुददों के साथ प्रत्याशी की व्यक्तिगत छवि पर लड़ा, जिसका फायदा भी कांग्रेस को हो सकता है।

वहीं भोपाल लोकसभा सीट पर चुनाव परिणाम को लेकर धर्मेंद्र पैगवार कहते हैं कि भोपाल भाजपा इस बार 2019 की तुलना में बड़ी जीत हासिल करने जा रही है। इसका कारण वह बताते है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में थे,उनके पक्ष में मुस्लिम मतदाताओं ने बहुत ही आक्रामक तरीके से मतदान में भाग लिया था लेकिन इस बार मुस्लिम मतदाता उदासीन रहे। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने तीन लाख 64 हजार वोटों से जीत हासिल की थी लेकिन इस बार जीत का आंकड़ा 4 लाख के पार जा सकता है।

वहीं इंदौर लोकसभा सीट के चुनाव परिणाम को लेकर धर्मेद्र पैगवार कहते हैं कि इंदौर में भाजपा सर्वाधिक मतों के अंतर से विजय प्राप्त करेगी जो की एक रिकॉर्ड होगा। इसी तरह विदिशा और खजुराहो में भी भाजपा रिकार्ड मतों के अंतर से जीत प्राप्त करेगी। इसके साथ होशंगाबाद, जबलपुर, बैतूल, शहडोल, मंडला,खंडवा, खरगोन, उज्जैन, धार, मंदसौर, देवास-शाजापुर, रीवा, सागर, दमोह, टीकमगढ़, गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट पर भाजपा मजबूत स्थिति में है।

वहीं चुनाव नतीजों का अनुमान जातते हुए धर्मेंद्र पैगवार कहते हैं कि छिंदवाड़ा के अलावा मुरैना, सतना और सीधी में कांग्रेस प्रत्याशी मजबूत स्थिति में है और यहां के नतीजे चौंका सकते हैं। इन तीनों स्थानों पर राम जन्मभूमि और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर पर भाजपा प्रत्याशियों की छवि और गुटबाजी ज्यादा प्रभावी हो गई थी। वहीं राजगढ़ लोकसभा सीट को लेकर वह कहते हैं कि राजगढ़ में भाजपा प्रत्याशी का विरोध था लेकिन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सभाओं ने यह भाजपा के पक्ष में माहौल बनाया है। यहां नतीजे को लेकर अनिश्चिता है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के आखिरी चुनाव की मार्मिक अपील यहां कितना असर दिखाती है इसको देखना होगा। वहीं झाबुआ में कांग्रेस ने टक्कर दी है लेकिन नतीजा भाजपा के पक्ष में दिखाई दे रहा है। इसके साथ सीधी में कम मतदान किसी भी तरफ नतीजा दे सकता है।