आलोचकों पर भड़के रवि शास्त्री, इस तरह जताई नाराजगी
मेलबर्न। मुख्य कोच रवि शास्त्री ने भारतीय टीम की आलोचना को खारिज करते हुए आलोचकों पर निशाना साधते हुए कहा कि लाखों मील दूर बैठकर बातें करना आसान होता है।
भारत को पर्थ में दूसरे टेस्ट में 146 रन से हार का सामना करना पड़ा जिसके बाद महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर जैसे लोगों ने टीम प्रबंधन की चयन नीति पर सवाल उठाए और कप्तान विराट कोहली तथा मुख्य कोच से अधिक जवाबदेही की मांग की।
शास्त्री ने किसी का नाम नहीं लिया लेकिन आलोचनाओं को उन्होंने सिरे से खारिज करते हुए जता दिया कि उन्हें ये टिप्पणियां पसंद नहीं आईं।
शास्त्री ने टीम को निशाना बनाने वाले पूर्व क्रिकेटरों पर पलटवार करते हुए कहा, 'जब आप लाखों मील दूर बैठे होते हों तो बातें बनाना आसान होता है। वे काफी दूर बैठकर टिप्पणी कर रहे हैं और हम दक्षिणी गोलार्ध में हैं। हमें वह करना है जो टीम के लिए सर्वश्रेष्ठ है, यह सामान्य सी बात है।'
चयन मामले में शास्त्री ने कहा कि एकमात्र दुविधा रविंद्र जडेजा को खिलाने को लेकर थी और ऐसा कुछ नहीं था जैसा कुछ विशेषज्ञों ने बना दिया। भारत के मुख्य कोच ने कहा, 'जडेजा के अलावा मुझे नहीं लगता कि चयन को लेकर और कोई दुविधा थी और अगर ऐसा कुछ था तो यह मेरी समस्या नहीं है।'
दूसरे टेस्ट के दौरान मैदान पर जडेजा और इशांत शर्मा की कैमरे में कैद हुई बहस पर कोच ने कहा, 'मैं कभी हैरान नहीं होता (इस तरह की कवरेज से)। कई तरीकों से यह टीम को एकजुट होने के लिए प्रेरित कर सकती है और उम्मीद करते हैं कि ऐसा ही हो।'
शास्त्री ने हालांकि स्वीकार किया कि शीर्ष क्रम टीम के लिए मुद्दा है क्योंकि लोकेश राहुल और मुरली विजय दो टेस्ट की लगातार चार पारियों में विफल रहे। उन्होंने कहा कि साफ सी बात है कि शीर्ष क्रम की समस्या बड़ी चिंता है। शीर्ष क्रम को जिम्मेदारी और जवाबदेही लेनी होगी। मुझे यकीन है कि उनके पास अनुभव है और वे योगदान देंगे।
कोच ने हालांकि संकेत दिए कि टीम प्रबंधन विकल्प के रूप में मयंक अग्रवाल के नाम पर गंभीरता से विचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि मयंक अच्छा युवा खिलाड़ी है। उसने भारत ए के लिए ढेरों रन बनाए हैं। अगर आप उसका घरेलू रिकार्ड देखो तो वह किसी भी अन्य खिलाड़ी जितना अच्छा है। इसलिए हमें इस पर फैसला करना होगा।
यह पूछने कि भारत ने क्या पर्थ में हार के साथ लय गंवा दी, शास्त्री ने कहा कि श्रृंखला 1-1 से बराबर होने के बावजूद भारत अच्छी स्थिति में है और ऐसा मौका उसे दक्षिण अफ्रीका या इंग्लैंड में नहीं मिला। (भाषा)