सोमवार, 23 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खेल-संसार
  2. क्रिकेट
  3. समाचार
  4. Navdeep Saini regrets being dismissed
Written By
Last Modified: शनिवार, 8 फ़रवरी 2020 (21:52 IST)

India vs New Zealand 2nd ODI: नवदीप सैनी को आउट होने पर बहुत पछतावा है जानिए क्यों?

India vs New Zealand 2nd ODI: नवदीप सैनी को आउट होने पर बहुत पछतावा है जानिए क्यों? - Navdeep Saini regrets being dismissed
ऑकलैंड। भारतीय तेज गेंदबाज नवदीप सैनी शनिवार को यहां दूसरे एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में महत्वपूर्ण मौके पर आउट होने से काफी निराश हैं जिसके कारण टीम ने श्रृंखला गंवा दी। 
 
भारत को जीत के लिए 274 रन का लक्ष्य मिला और सैनी ने 8वें विकेट के लिए रविंद्र जडेजा के साथ 76 रन की भागीदारी निभाई लेकिन उनके आउट होने से टीम की उम्मीद टूट गई। 
 
सैनी ने काइल जैमीसन पर छक्का जड़ा लेकिन अगली ही गेंद पर बोल्ड हो गए। कप्तान विराट कोहली भी उनके छक्का जड़ने के बाद सैनी को शांत रहने का इशारा करते दिखे। 
 
सैनी ने मैच के बाद कहा, ‘जब मैं जाकर वीडियो देखूंग तो मुझे पछतावा होगा। अगर मैं आउट नहीं होता तो शायद नतीजा अलग हो सकता था। मुझे पछतावा होगा कि मैं इतने करीब पहुंच गया और शायद थोड़ा और करीब पहुंच गया होता।’ 
 
उन्होंने कहा, ‘हमें लगता कि विकेट सपाट था और अगर हम अंत तक रहते तो मैच करीबी हो सकता था। इलिए हम जितना संभव हो, योगदान देने की कोशिश कर रहे थे और मैच को अंत तक ले जाने के प्रयास में थे। जडेजा ने मुझे कहा कि अगर तुम्हें बाउंड्री लगाने के लिए गेंद मिलती है तो ऐसा करना। वर्ना एक या दो रन लेते रहना और संयमित बने रहो, हम मैच केा अंत तक ले जा सकते हैं।’ 
 
सैनी ने मैच से पहले नेट पर काफी बल्लेबाजी अभ्यास किया था और इसका उन्हें फायदा हुआ। उन्होंने 49 गेंद में 45 रन की पारी खेली जिसमें पांच चौके और दो छक्के जड़े थे। इस तेज गेंदबाज ने कहा कि निचले क्रम के लिये टीम की जरूरत के समय रन जुटाने में योगदान करना अहम है। 
 
सैनी ने कहा, ‘यह अच्छी चीज है कि निचला क्रम इस तरह खेल रहा है। अगर हर कोई प्रदर्शन करता है तो इसे टीम प्रयास कहा जाता है। अगर बल्लेबाज रन नहीं जुटा पाते तो गेंदबाजों को अच्छा करना चाहिए। अगर गेंदबाज विकेट नहीं चटका रहे तो क्षेत्ररक्षकों को मदद करनी चाहिए। आखिर में यह टीम है।’ 
 
उन्होंने कहा, ‘मैं सोच रहा था कि मुझे लंबे समय बाद बल्लेबाजी का मौका मिल रहा है। जैसे ही मैंने बाउंड्री लगाई, मैं हैरान हो गया कि गेंद अच्छी तरह बल्ले पर आ रही थी।’
ये भी पढ़ें
गोपीचंद को आईओसी कोच लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार में ‘आनरेबल मेंशन’