भरतनाट्यम छोड़कर क्रिकेट स्टार बनी मिताली
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में स्टार बनी भारतीय महिला टीम की कप्तान मिताली राज कभी अपने पांवों का कमाल क्लासिकल डांस ‘भरतनाट्यम’ में दिखाना चाहती थीं लेकिन समय की बात देखिए अब वह महिला क्रिकेट इतिहास में 6000 रन पूरे करने वाली पहली खिलाड़ी बन गई हैं।
बुधवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आईसीसी विश्व कप मैच के दौरान हैदराबाद की 34 वर्षीय खिलाड़ी ने यह उपलब्धि हासिल की। हालांकि भारत को इस मैच में हार का मुंह देखना पड़ा।
उनके पिता दोराई राज ने शुरुआती दिनों की याद करते हुए कहा, ‘मिताली डांसर बनने की इच्छुक थी। हालांकि भाग्य में कुछ और ही लिखा था।’
मिताली के पिता भारतीय वायु सेना में अधिकारी थे और बाद में वह आंध्र बैंक से जुड़ गए। जब मिताली 10 साल की थी तो वह सिकंदराबाद में सेंट जोंस के कोचिंग शिविर में अपनी बेटी को ले जाते थे।
आर एस आर मूर्ति ने भी मिताली की प्रतिभा की प्रशंसा की। जब से यह क्रिकेटर 2000 में रेलवे से जुड़ी तब से वह मिताली से जुड़े हुए हैं।
उन्होंने कहा, ‘यह बड़ी उपलब्धि है। मैं बहुत खुश हूं। उसने अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण के दम पर यह उपलब्धि हासिल की। मैं चाहूंगा कि वह अपने करियर में ऐसी ही और उपलब्धियां हासिल करे। वह आदर्श बन गई है, देश के लिए ही नहीं बल्कि दुनिया के लिए।’
उन्होंने कहा, ‘ मिताली ने क्रिकेट की वजह से कई त्याग किए हैं, वह अपने करियर की वजह से कई कार्यक्रमों में नहीं जाती थी।’
मिताली 19 साल की उम्र में टांटन में इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे और अंतिम टेस्ट में 214 रन की पारी खेलने वाली पहली भारतीय बल्लेबाज बनी थी। 1999 में वह वनडे में शतक जड़ने वाली सबसे युवा खिलाड़ी बनी थी। उन्होंने आयरलैंड के खिलाफ अपने पदार्पण मैच में 114 रन बनाए थे। (भाषा)