धोनी को अपनी शैली की विकेटकीपिंग से होता है फायदा : श्रीधर
पोर्ट एलिजाबेथ। भारतीय टीम के क्षेत्ररक्षण कोच आर श्रीधर का मानना है कि महेन्द्र सिंह धोनी की विकेटकीपिंग शैली कभी भी विशुद्ध रूप से पारंपरिक नहीं रही है लेकिन इसने उनके पक्ष में काम किया है। धोनी कीपिंग अभ्यास सत्र में ज्यादा भाग नहीं लेते लेकिन करीबी स्टंपिंग और रनआउट करने में उन्हें महारथ हासिल है।
श्रीधर ने कहा, धोनी की अपनी शैली है, जो उनके लिए काफी सफल है। मुझे लगता है हम उनकी विकेटकीपिंग शैली पर शोध कर सकते हैं और मैं इसे ‘द माही वे’ नाम देना चाहूंगा। उनकी शैली से कई चीजें सीखी जा सकती हैं, इतनी सारी चीजें जिसके बारे में युवा विकेटकीपर सोच भी नहीं सकते। वे अपने तरीके के अनूठे खिलाड़ी हैं जैसा क्रिकेटरों को होना चाहिए।
धोनी ने 316 एकदिवसीय में 295 कैच लपकने के साथ रिकॉर्ड 106 स्टंपिंग भी की हैं। उन्होंने कहा, उनके हाथ कमाल के हैं। स्पिनरों के लिए वे सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर हैं। स्टंपिंग के लिए उनके हाथ बिजली से भी तेज चलते हैं। यह उनकी नैसर्गिक कला है, जिसे देखना अद्भुत है। (भाषा)