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Last Updated : रविवार, 7 जुलाई 2019 (17:40 IST)

जन्मदिन पर ताजा हुई महेंद्र सिंह धोनी की 3 बड़ी सफलताएं

Mahendra Singh Dhoni। जन्मदिन पर ताजा हुई महेंद्र सिंह धोनी की 3 बड़ी सफलताएं - Mahendra Singh Dhoni
भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे सफल कप्तान बनने का सेहरा अपने सिर बांधने वाले महेंद्र सिंह धोनी ने करोड़ों भारतीय क्रिकेटप्रेमियों को जश्न बनाने के कई मौके दिए हैं। लेकिन यहां हम 3 बड़ी सफलताओं का जिक्र करेंगे जिनके कारण दुनिया के क्रिकेट मैदानों पर तिरंगा ध्वज शान से लहराया है। धोनी के 38वें जन्मदिन पर उनकी सफलताओं को याद करना भी लाजमी भी है... 
 
रांची में 7 जुलाई 1981 को जन्मे महेंद्र सिंह धोनी की क्रिकेट जिंदगी के लिए दिसंबर का महीना भाग्यशाली रहा है। 26 दिसंबर 2004 को उन्होंने पहला एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच श्रीलंका के खिलाफ खेला, 2 दिसंबर 2005 को श्रीलंका के खिलाफ ही 'टेस्ट कैप' पहनी और 1 दिसंबर 2006 में पहला टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला।
 
महेंद्र सिंह धोनी ने अपने 15 साल के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर में जो 3 बड़ी सफलताएं अर्जित कीं, वे इस प्रकार हैं...
1. टी-20 विश्व कप : आईसीसी टी-20 विश्व कप की शुरुआत 2007 में हुई। बतौर कप्तान इस विश्व कप में धोनी की असली परीक्षा थी जिसमें वे खरे उतरे। हालांकि उनका बल्लेबाजी प्रदर्शन औसत रहा था लेकिन कप्तानी गजब की रही। उन्होंने 7 मैचों की 6 पारियों में 128.33 के स्ट्राइक रेट से 154 रन बनाए थे। उनका उच्चतम स्कोर 45 रहा लेकिन गौतम गंभीर की शानदार बल्लेबाजी और इरफान पठान व आरपी सिंह की बेहतरीन गेंदबाजी से भारत ने फाइनल में पाकिस्तान को हराया था।
 
फाइनल मैच में गौतम गंभीर ने नाबाद 75 रन बनाए थे। वे टूर्नामेंट के टॉप स्कोर की लिस्ट में दूसरे नंबर पर रहे थे। मैथ्यू हैडन ने 6 मैचों की 6 पारियों में 265 और गंभीर ने 7 मैचों की 6 पारियों में 227 रन ठोंके थे। 
2. आईसीसी विश्व कप 2011 : 2011 में आयोजित आईसीसी विश्व कप में धोनी की कप्तानी में भारत 28 साल बाद चैंपियन बना था। वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए फाइनल में भारत ने श्रीलंका को हराया था। फाइनल में धोनी ने जिस तरह छक्का उड़ाकर भारत को विजेता बनाया था, उसे अब तक याद किया जाता है।
 
धोनी ने 2011 के विश्व कप में 9 मैचों की 8 पारियों में सबसे बेहतरीन पारी फाइनल में खेली थी और नाबाद 91 रन बनाए थे। पूरे टूर्नामेंट में उनका यही एकमात्र अर्द्धशतक था। इस विश्व कप में भी उनकी कप्तानी का लोहा पूरी दुनिया ने माना। उन्होंने 3 बार नाबाद रहते हुए 81.69 के स्ट्राइक रेट से कुल 241 रन बनाए थे। श्रीलंका के दिलशान कुल 500 रनों के साथ नंबर और सचिन तेंदुलकर 482 रन के साथ दूसरे नंबर पर रहे थे।
3. आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2013 : धोनी की सफल कप्तानी में भारत 2013 की आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में भी विजेता बना। फाइनल में भारत ने इंग्लैंड को उसी की सरजमीं (बर्मिंघम) पर 5 विकेट से रौंदा। भारत ने 20 ओवरों में 7 विकेट खोकर 129 रन बनाए थे और जवाब में इंग्लैंड की टीम 20 ओवरों में 8 विकेट खोकर 124 रन ही बना सकी।
 
चैंपियंस ट्रॉफी में शिखर धवन और विराट कोहली चमके थे जबकि गेंदबाजी में रवीन्द्र जडेजा का जादू चला था। धवन ने 363 और कोहली ने 176 रन बनाए थे। फाइनल मैच के 'मैन ऑफ द मैच' रहे रवीन्द्र जडेजा ने टूर्नामेंट में 12 विकेट लिए थे।
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