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Last Modified: बुधवार, 23 अगस्त 2017 (15:54 IST)

असफलता के डर से श्रीलंका के प्रदर्शन में गिरावट : जयवर्धने

असफलता के डर से श्रीलंका के प्रदर्शन में गिरावट : जयवर्धने - Mahela Jayawardene
पल्लेकेले। श्रीलंका के पूर्व कप्तान महेला जयवर्धने ने कहा है कि श्रीलंका क्रिकट टीम असफलता के डर से बाहर नहीं निकल पा रही है और भारत ने मौजूदा श्रृंखला में हर क्षेत्र में उसे पछाड़ा है। 3 मैचों की टेस्ट श्रृंखला में भारत से करारी शिकस्त मिलने से पहले श्रीलंका जिम्बाब्वे जैसी कमजोर मानी जाने वाली टीम से एकदिवसीय श्रृंखला 3-2 से हार गई थी।
 
क्रिकइंफो को दिए गए साक्षात्कार में जयवर्धने ने कहा कि मुझे लगता है कि टीम का मनोबल अभी काफी कम है। असफलता का डर खिलाड़ियों पर हावी है। खिलाड़ियों में न तो आत्मविश्वास दिख रहा है, न ही जीत की ललक। उन्हें इन समस्याओं से जल्द ही पार पाना होगा और इसका हल भी जल्द ही खोजना होगा। 
 
टेस्ट श्रृंखला में भारत से सूपड़ा साफ होने पर उन्होंने कहा कि श्रीलंका हर विभाग में फिसड्डी रही। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि टेस्ट श्रृंखला में खराब प्रदर्शन से खिलाड़ी काफी मायूस होंगे। टेस्ट क्रिकेट की 1 नंबर की टीम को चुनौती देना उनके लिए काफी कठिन था। कुछ मौकों का फायदा उठाने में वे नाकाम रहे। पहली पारी की बल्लेबाजी के समय जब पिच अच्छा खेल रही थी तब भी वे अच्छी बल्लेबाजी नहीं कर सके। किसी भी मैच में कभी ऐसा नहीं लगा कि वे 20 विकेट लेंगे।
 
टीम को लगातार 8वीं टेस्ट श्रृंखला में जीत दिलाने वाले भारतीय कप्तान कोहली की जमकर तारीफ करते हुए जयवर्धने ने कहा कि वे काफी सक्रिय कप्तान हैं, काफी आक्रामक हैं। कप्तान के तौर पर उनके आंकड़े शानदार हैं, हालांकि उन्होंने अभी ज्यादा मैच घरेलू मैदान पर खेला है लेकिन फिर भी आपको मैच जीतना होता है। उन्होंने टीम का नेतृत्व शानदार तरीके से किया है इसलिए दूसरे खिलाड़ी मैदान के अंदर और बाहर उनका अनुसरण करते हैं। उनकी असली परीक्षा तब शुरू होगी, जब वे भारत के बाहर खेलेंगे। 
 
श्रीलंका की तरफ से सबसे ज्यादा मैच खेलने वाले खिलाड़ियों में से एक जयवर्धने ने कहा कि भारत ने शानदार तरीके से खिलाड़ियों का पूल तैयार कर लिया है, जो जिम्मेदारी भी ले रहे हैं। बल्लेबाजों और गेंदबाजों को टीम में जगह बनाने के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा का समाना करना पड़ रहा है। 
 
उन्होंने हार्दिक पांड्या की तरीफ करते हुए कहा कि वे कमाल की प्रतिभा हैं, खासकर छोटे प्रारूप में। टीम में ऐसा खिलाड़ी जो 130-140 की रफ्तार से गेंदबाजी के साथ बल्लेबाजी भी कर सके, वह टीम को संतुलन देता है। आपने उसकी बल्लेबाजी भी देखी है। उनके पास बड़े मौके पर खेलने का जज्बा भी है। इससे टीम को विकल्प मिलते हैं। उनके आने से मैच में भारतीय टीम के पास 3 तेज गेंदबाज और 2 स्पिनरों को खिलाने का विकल्प मिलाता है, जो टीम को संतुलित करता है। (भाषा)
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