विशाखापत्तनम। सीमित ओवर की क्रिकेट के बादशाह रोहित शर्मा टेस्ट ओपनिंग में पहली बार उतरे और नाबाद शतक ठोककर छा गए। रोहित के नाबाद 115 और उनकी मयंक अग्रवाल (नाबाद 84) के साथ पहले विकेट के लिए 202 रन की अविजित साझेदारी की बदौलत भारत ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले क्रिकेट टेस्ट के वर्षाबाधित पहले दिन बुधवार को बिना कोई विकेट खोए 202 रन बना लिए।
पहले टेस्ट के पहले दिन 59.1 ओवर का खेल ही संभव हो पाया। बारिश के कारण खेल निर्धारित समय से काफी पहले समाप्त करना पड़ा लेकिन इस दौरान रोहित ने शानदार शतकीय पारी खेल कर दिखा दिया कि वे लंबे फॉर्मेट में भी लंबी पारी खेलने की महारत रखते हैं। स्टंप्स तक रोहित 174 गेंदों पर नाबाद 115 रन में 12 चौके और 5 छक्के लगा चुके थे जबकि मयंक ने 183 गेंदों पर नाबाद 84 रन में 11 चौके और 2 छक्के लगाए हैं।
मैच का पहला दिन पूरी तरह रोहित के नाम रहा जिन्होंने ओपनिंग में पहली बार उतारकर पहला और कुल चौथा टेस्ट शतक बनाकर आलोचकों को करारा जवाब दे दिया जो बराबर उनकी टेस्ट क्षमताओं पर सवाल उठाते रहे थे। रोहित यहां ओपनिंग में उतरने से पहले विजयनगर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अभ्यास मैच में बतौर ओपनर मात्र 2 गेंदों में खाता खोले बिना आउट हुए थे लेकिन कप्तान विराट कोहली ने मैच की पूर्वसंध्या पर रोहित पर पूरा भरोसा जताते हुए स्पष्ट कर दिया था कि रोहित पहले टेस्ट में ओपनिंग करने जा रहे हैं।
रोहित ने कप्तान विराट और टीम प्रबंधन का भरोसा कायम रखा और अपनी शतकीय पारी के दौरान कई रिकॉर्ड बना डाले। टीम प्रबंधन ने इस सीरीज में लोकेश राहुल की जगह छोटे फॉर्मेट के तूफानी ओपनिंग बल्लेबाज रोहित को आजमाने का फैसला किया और यह दांव जैकपॉट साबित हुआ।
32 वर्षीय रोहित इस शतक के साथ अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट (टेस्ट, वनडे और टी-20) में बतौर ओपनर शतक लगाने वाले क्रिकेट इतिहास के पहले खिलाड़ी बन गए हैं। रोहित इस दशक में टेस्ट शतक पूरा करने से पहले पारी में 4 छक्के जड़ने वाले पहले भारतीय ओपनर भी बन गए हैं।
रोहित पूर्व कप्तान और श्रीमान भरोसेमंद राहुल द्रविड़ के बाद ऐसे दूसरे भारतीय बन गए हैं जिन्होंने घरेलू मैदान पर टेस्ट की लगातार 6 पारियों में 50 या उससे अधिक का स्कोर बनाया है। रोहित लगातार 6 पारियों में 82, नाबाद 51, नाबाद 102, 65, नाबाद 50 और नाबाद 115 रन बना चुके हैं।
द्रविड़ ने 1997-1998 के दौरान टेस्ट में भारत में लगातार 6 बार 50 से अधिक की पारियां खेली थीं। रोहित ने 2016 से 2019 के दौरान यह उपलब्धि हासिल की है।
भारत ने टॉस जीतने के बाद लंच तक 91 और चायकाल तक 202 रन बनाए थे। खराब रोशनी के कारण चायकाल 59.1 ओवर के बाद ले लिया गया, क्योंकि उस समय खेल रोकना पड़ा था। इसके बाद बारिश हुई और खेल शुरू होने की संभावना खत्म हो गई। अम्पायरों ने फिर दिन का खेल समाप्त करने का फैसला किया।
भारत ने सुबह टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। रोहित शुरू में दबाव में थे और संभलकर खेले। रोहित ने मैच के दूसरे ओवर की दूसरी गेंद पर कैगिसो रबादा को बैकवर्ड पॉइंट पर चौका लगाते हुए अपना खाता खोला। पहले 15 ओवर में मयंक ने 20 और रोहित ने 17 रन बनाए। जमने के बाद रोहित ने तेजी पकड़ी और खुलकर अपने शॉट खेले। रोहित ने अपने 50 रन 84 गेंदों में 5 चौकों और 2 छक्कों की मदद से पूरे किए।
लंच के समय रोहित 52 और मयंक 39 रन बना चुके थे। मयंक ने लंच के बाद अपना अर्द्धशतक 114 गेंदों में 7 चौकों और 2 छक्कों के सहारे पूरा किया। रोहित मजबूती से अपने शतक की तरफ बढ़ रहे थे और उन्होंने अपने 100 रन 154 गेंदों में 10 चौकों और 4 छक्कों के सहारे पूरे किए। वे टेस्ट ओपनर के तौर पर पहली ही पारी में शतक बनाने वाले चौथे भारतीय बल्लेबाज बन गए हैं। इससे पहले शिखर धवन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 187, लोकेश राहुल ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 110 और पृथ्वी शॉ ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 134 रन बनाए थे।
दूसरे छोर पर तारीफ करनी होगी 28 साल के मयंक की, जो अपना सर्वश्रेष्ठ स्कोर बन चुके हैं। उनका पिछला सर्वश्रेष्ठ स्कोर 77 रन था। मयंक अब अपने पहले शतक की तरफ अग्रसर हो चुके हैं और इससे वे मात्र 16 रन दूर रह गए हैं। दक्षिण अफ्रीका के तेज और स्पिन गेंदबाज भारतीय ओपनरों पर कोई प्रभाव नहीं छोड़ पाए और वे विकेट के लिए तरसते रहे। उन्हें बारिश के आने से ही राहत मिली।