सीमान्त सुवीर
एडिलेड। विराट एंड कंपनी को मौजूदा ऑस्ट्रेलियाई दौरे में टी20 सीरीज (1-1 से ड्रॉ) के समाप्त होने के बाद काफी वक्त मिला था ताकि वह ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के खिलाफ खासा होमवर्क करके टेस्ट सीरीज में उतरे लेकिन कप्तान विराट स्लेजिंग को मुद्दा बनाते हुए बयानबाजी में उलझे रहे। इसका परिणाम पहले टेस्ट के पहले ही दिन तब नजर आया, जब एडिलेड के अतिरिक्त उछालभरे पिच पर मिशेल स्टॉर्क, जोश हेजलवुड, पैट कमिंस और नॉथन लियान की चौकड़ी ने धमाल मचाते हुए टीम इंडिया को 'बैकफुट' पर धकेल दिया।
क्यों भारतीय सूरमा हुए ढेर : एडिलेड की पिच पर अतिरिक्त उछाल था। विदेशी विकेटों पर यही उछाल भारत की सबसे बड़ी कमजोरी रहा है। गेंद टप्पा खाने के बाद सीने तक आती है और बचाव करने या गलत स्ट्रोक का चुनाव करने की भूल बल्लेबाज को भारी पड़ती है। पहले दिन भारत के 9 विकेट गिरे, जिसमें से केवल ईशांत शर्मा (4) मिशेल स्टॉर्क की तेज गेंद पर बोल्ड हुए और पुजारा रन आउट, बाकी के 7 विकेट कैच आउट हुए।
क्या टॉस जीतकर बल्लेबाजी करना उचित था : विराट कोहली ने टॉस में बाजी मारी और वे विकेट के चरित्र को पढ़ने में पूरी तरह नाकाम रहे। नतीजा यह रहा कि भारत के शुरुआती 6 विकेट 127 रन पर धराशायी हो गए, जिनमें लोकेश राहुल 2, मुरली विजय 11, विराट कोहली 3, अजिंक्य रहाणे 13, रोहित शर्मा 37 और ऋषभ पंत 25 रन के विकेट शामिल थे। क्या ऑस्ट्रेलियाई चौकड़ी ने मचाया, वो दमखम भारतीय गेंदबाजों की बाजुओं में नहीं था? असल में विराट को भरोसेमंद भारतीय बल्लेबाजी का अतिरिक्त आत्मविश्वास ले डूबा।
चेतेश्वर पुजारा ने विकेट पर खूंटा गाड़ा : यदि तीसरे नंबर पर मैदान पर उतरे चेतेश्वर पुजारा के बल्ले से शतक (123) नहीं निकलता तो भारत की हालत और खस्ता हो सकती थी क्योंकि दिन का खेल समाप्त होने तक भारत के स्कोर बोर्ड पर 9 विकेट 250 रन ही टंगे थे। चेतेश्वर विकेट के एक छोर पर खूंटा गाड़कर खड़े रहे और बेबस होकर दूसरे छोर से विकेटों का पतझड़ देखते रहे। पुजारा 246 गेंदों का सामना करने के बाद 7 चौके और 2 छक्के लगाने में सफल रहे और नौंवे विकेट के रुप में दुर्भाग्य से पैट कमिंस के हाथों रन आउट हो गए। तब स्कोर 250 रन था।
टेस्ट क्रिकेट में पुजारा का 16वां सैकड़ा : पुजारा भारत के भरोसेमंद बल्लेबाज हैं, विशेष रूप से टेस्ट क्रिकेट में।
उन्होंने एडिलेड में अपने टेस्ट कॅरियर का 16वां शतक लगाया और 5000 टेस्ट रन पूरे करने वाले 12वें भारतीय बल्लेबाज बने। उनके पहले ऐसा कारनामा सुनील गावस्कर, गुंडप्पा विश्वनाथ, कपिल देव, मोहम्मद अजहरुद्दीन, दिलीप वेंगसरकर, सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली, वीरेन्द्र सहवाग, वीवीएस लक्ष्मण, विराट कोहली कर चुके हैं। सचिन तेंदुलकर के नाम सबसे ज्यादा 51 शतक दर्ज हैं। उनके बाद द्रविड़ 36, गावस्कर 34, कोहली 24, सहवाग 23, अजहर (22 शतक) का नंबर आता है।
पुजारा की अहम साझेदारियां : इसमें कोई शक नहीं कि पुजारा टीम इंडिया की बल्लेबाजी के ऐसे वक्त 'बैकबोन' साबित हुए, जब टीम 127 रन के कुल स्कोर पर 6 विकेट गंवाकर रनों के लिए जूझ रही थी। पुजारा ने रविचंद्रन अश्विन (25 रन) के साथ 62 और मोहम्मद शमी (नाबाद 6) के साथ 40 रन की साझेदारी निभाकर स्कोर को किसी तरह 250 तक पहुंचाया। पुजारा का आत्मविश्वास देखिए कि उन्होंने छक्के के साथ शतक पूरा किया।
ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के नाम रहे दो सत्र : सुबह की नमी का भरपूर फायदा ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों ने उठाया और खेल के दो सत्रों में मिशेल स्टॉर्क, जोश हेजलवुड, पैट कमिंस और नॉथन लियान ने दो-दो विकेट आपस में बांटकर विराट की सेना को सकते में ला दिया था लेकिन तीसरे सत्र में वे पुजारा पर अंकुश लगाने में नाकाम रहे। अभी तो ये शुरुआत है और दूसरे दिन भारत की पारी जल्दी सिमट जाएगी। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि एडिलेड के उछालभरे विकेट पर भारतीय गेंदबाज क्या गुल खिलाते हैं?