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Last Modified: नई दिल्ली , रविवार, 20 जनवरी 2019 (00:27 IST)

BCCI का यह दिग्गज बोला, जांच पूरी होने तक हार्दिक-राहुल को खेलने दें

BCCI का यह दिग्गज बोला, जांच पूरी होने तक हार्दिक-राहुल को खेलने दें - Hardik Pandya KL Rahul BCCI
नई दिल्ली। एक टीवी चैट शो में महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी करने के कारण निलंबन झेल रहे ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या और बल्लेबाज लोकेश राहुल की टीम इंडिया में वापसी बीसीसीआई द्वारा लोकपाल नियुक्त करने और उनका फैसला आने तक टली हुई है।  बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना ने कहा है कि जांच पूरी होने तक दोनों क्रिकेटरों को टीम में बहाल करने पर विचार किया जाए।
 
खन्ना ने बीसीसीआई का संचालन देख रही प्रशासकों की समिति (सीओए) और बोर्ड अधिकारियों को पत्र लिख कर कहा, 'बीसीसीआई ऑस्ट्रेलिया दौरे से दोनों क्रिकेटरों को स्वदेश बुलाकर और उन्हें क्रिकेट गतिविधियों से पूरी तरह निलंबित कर दण्डित कर चुका है। बीसीसीआई के इस फैसले को नौ दिन हो चुके हैं। मेरा सीओए और बोर्ड पदाधिकारियों से आग्रह है कि इस मुद्दे को प्राथमिकता आधार पर सुलझाने के लिए बैठक बुलाई जाए और इस मामले पर चर्चा की जाए।'
 
कार्यवाहक अध्यक्ष ने कहा, 'पांड्या और राहुल ने जो किया वह बेहद अनुचित और गलत था लेकिन मेरी निजी राय में उनके साथ कानून तोड़ने वाला जैसा व्यवहार किया जाना भी एक गलती है। उन्होंने गलती की जिसके लिए उन्हें पहले ही निलंबित किया जा चुका है और उन्हें ऑस्ट्रेलिया में सीरीज से वापिस बुला लिया गया था।'
 
खन्ना ने साथ ही कहा, 'दोनों क्रिकेटर बिना शर्त माफ़ी मांग चुके हैं। भारतीय क्रिकेट के हितों के मद्देनजर उनके मैदान के बाहर के इस अशोभनीय आचरण को तत्काल सुधारने पर ध्यान दिया जाना चाहिए लेकिन उनके करियर को अधर में नहीं लटकाना चाहिए।'
 
कार्यवाहक अध्यक्ष ने सुझाव देते हुए कहा, 'मेरा सुझाव है कि इस मामले में जांच पूरी होने तक दोनों भारतीय क्रिकेटरों को तत्काल भारतीय टीम में शामिल किया जाना चाहिए और उन्हें न्यूजीलैंड दौरे में टीम के साथ जुड़ने की तत्काल अनुमति दी जानी चाहिए।'
 
उन्होंने कहा, 'दोनों खिलाड़ियों को चार महीने बाद शुरू होने वाले विश्व कप से पहले मैचों की जरूरत है। हमें इन उभरते क्रिकेटरों को खुद को नैतिक रूप से सुधारने का मौका देना चाहिए। दोनों प्रतिभाशाली क्रिकेटर हैं जो एक एंटरटेनमेंट शो में गलत दिशा में चले गए थे। उन्होंने माफ़ी मांगी है और कहा है कि इस तरह की गलती दोबारा नहीं होगी।'
 
लोकपाल की नियुक्ति पर खन्ना ने कहा, 'बीसीसीआई के संविधान के अनुसार लोकपाल की नियुक्ति वार्षिक आम बैठक में हो सकती है और वैसे भी लोकपाल की नियुक्ति का मामला अदालत के विचाराधीन है।'
 
इस बीच बीसीसीआई के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी ने लोकपाल की नियुक्ति पर बीसीसीआई के संविधान का हवाला देते हुए कहा, 'स्वतंत्र जांच के उद्देश्य के लिए बोर्ड वार्षिक आम बैठक में लोकपाल नियुक्त कर सकता है। लोकपाल उच्चतम न्यायालय का सेवानिवृत जज या उच्च न्यायालय का सेवानिवृत मुख्य न्यायाधीश हो सकता है और बोर्ड उनकी सहमति लेने के बाद उनकी नियुक्ति कर सकता है।'
 
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय में लोढा समिति की सिफारिशों से संबंधित मामले की सुनवाई अगले सप्ताह तक के लिए टल गयी है। सुनवाई में अन्य मुद्दों के साथ दोनों भारतीय क्रिकेटरों के भाग्य पर भी फैसला होना था।
 
इस मामले की प्रारंभिक जांच कर रहे बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी ने दोनों खिलाडियों से फ़ोन पर बात की थी और उनका स्पष्टीकरण सीओए को सौंप दिया था। सीओए के प्रमुख विनोद राय ने कहा था कि दोनों खिलाड़ियों ने अपनी हरकत पर गहरा अफ़सोस जताया है और उन्होंने जो कुछ किया उसके लिए माफ़ी मांगी है।
 
राय ने कहा था कि इस मामले में अगला कदम उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के आधार पर तय किया जाएगा। सीओए ने लोकपाल की नियुक्ति के लिए सर्वोच्च अदालत से निर्देश मांगे हैं जो बीसीसीआई के संविधान के तहत फैसला लेने वाला अंतिम अधिकारी है। बीसीसीआई के पास अभी लोकपाल नहीं है और यह पद 2016 से रिक्त पड़ा हुआ है। इस मामले में जौहरी की प्रारंभिक जांच लोकपाल के पास भेजी जानी है जिसका फैसला अंतिम और बाध्यकारी होगा। (वार्ता) 
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