साल 2013 में हुए स्पॉट फिक्सिंग कांड में एस श्रीसंत के साथ अंकित चव्हाण पर भी आजीवन बैन लगाया गया था। पिछले साल श्रीसंत इस बैन से रिहा हो गए थे और अब बीसीसीआई ने अंकित के ऊपर लगे बैन को भी खत्म कर दिया है। लगभग 8 साल बाद उनके खेलने का रास्ता साफ हुआ है, मगर अब उनका जिंदगी आगे आसान नहीं होने वाली है।
बैन हटाए जाने की पुष्टि खुद अंकित चव्हाण ने की और बताया कि उन्हें मंगलवार शाम को बोर्ड से एक मेल मिला, जिसमें आजीवन बैन को खत्म करने की बात लिखी थी। दरअसल, पिछले साल बीसीसीआई के लोकपाल न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) डीके जैन ने श्रीसंत और चव्हाण दोनों के लिए बीसीसीआई द्वारा लगाए गए आजीवन बैन की सजा को घटाकर 7 साल का कर दिया था।
श्रीसंत को पिछले साल ही मिल गई थी क्लीन चिट
भारत के तेज गेंदबाज एस श्रीसंत को पिछले साल यानि साल 2020 में ही हाईकोर्ट ने क्लीन चिट देकर उनके बैन को खत्म कर दिया था। इसके बाद श्रीसंत को केरल की घरेलू टीम में जगह दी गई है और उन्होंने मैदान पर वापसी भी कर ली है, मगर 35 साल के हो चुके श्रीसंत की गेंदबाजी में वो धार नहीं रह गई है, जो पहले देखने को मिलती थी। अब ये 7 सालों के अंतराल के बाद खुद को लय में लाना श्रीसंत के लिए आसान थोड़ी है, मगर वह इसके लिए पूरी तैयारी कर रहे हैं।
अंकित को आदेश पाने के लिए करना पड़ा इंतजार
अंकित चव्हाण को बीसीसीआई द्वारा आदेश पत्र पाने के लिए मई तक का इंतजार करना पड़ा। जानकारी के मुताबिक इससे पहले महीने की शुरुआत में चव्हाण ने मुंबई क्रिकेट संघ से बीसीसीआई को पत्र लिखकर उन्हें मंजूरी पत्र देने की गुजारिश की थी। मगर उनपर लगा बैन खत्म हो चुका है और वह एक बार फिर मैदान पर उतरने के लिए उत्सुक होंगे।
याद दिला दें, अंकित ने आईपीएल में 2011 से 2013 तक राजस्थान रॉयल्स के लिए कुल 13 मैच खेले थे। जिसमें उन्होंने 8 विकेट चटकाए थे। वहीं, घरेलू सर्किट में उन्होंने मुंबई के लिए 18 प्रथम श्रेणी, 20 लिस्ट ए मैचों में उन्होंने क्रमश: 53 व 18 विकेट चटकाए।
2013 में हुआ था स्पॉट फिक्सिंग कांड
साल 2013 के आईपीएल सीजन के दौरान फिक्सिंग का पूरा मामला सामने आया था। उस समय एस श्रीसंत और अंकित चव्हाण के साथ-साथ अजित चंडीला का नाम भी सामने आया था। हालांकि, चंडीला को अभी तक बीसीसीआई ने क्लीन चिट नहीं दी है और ना ही आरोपों से भरी किया है।
2013 में इन सभी खिलाड़ियों के ऊपर फिक्सिंग के संगीन आरोप लगाए गए थे। उस समय यह तीनों खिलाड़ी राजस्थान रॉयल्स का हिस्सा थे और राजस्थान के अलावा चेन्नई सुपर किंग्स की टीम भी आरोपों में लिप्त पाई गई थी। जिसके बाद राजस्थान और चेन्नई को दो सालों के लिए आईपीएल से बैन कर दिया गया था।