वैज्ञानिक जर्नल नेचर जियोसाइंस की एक ताजा रिपोर्ट में बताया है कि चार अरब साल में सात किलोमीटर सिकुड़ (करीब 9 मील) गया है। वैज्ञानिकों ने बताया कि बुध ग्रह की सतह तुलना चार अरब साल पहले से कि जाए तो सतह सात किलोमीटर सिकुड़ गई है।
डेली मेल की खबर अनुसार सिकुड़ने का कारण ग्रह की भीतरी सतह ठंडी होना है और इस सतह पर दरारें पड़ रही हैं। ग्रह के दक्षिणी हिस्से में एक लंबी दरार पड़ी है जिसकी लंबाई लगभग 1000 किलोमीटर है। बुध ग्रह का व्यास लगभग 4000 किलोमीटर है।
मैरीनर 10 मिशन ने साल 1974 और 1975 में बुध के 45 प्रतिशत इलाक़े की तस्वीरें ली थीं। तब भी सतह पर दरारे देखी गई थी। यह दरारें सैकड़ों मील लंबी थी। मैरीनर 10 से ली गई तस्वीरों से अनुमान लगाया गया है कि इस ग्रह की त्रिज्या एक से तीन किलोमीटर कम हो गई है।
सतह की माप को लेकर वैज्ञानिकों के सामने कई मुश्किलें आ रही थी। अब मैसेंजर ने बुध के 100% सतह की तस्वीर लेकर मुश्किल हल कर दी। मैसेंजर साल 2011 में बुध के पास से गुजरा और उसने 100% सतह की तस्वीरें ली। (एजेंसी)