टेबल पर दिखता है शरीर का जर्रा-जर्रा
सीटी स्केन और एमआरआई से आगे
-
धनंजय हेल्थकेयर में डायग्नोस्टिक्स (शरीर के भीतरी भागों के चित्र देखने की तकनीक) में खासी प्रगति हुई है। एमआरआई से शरीर के भीतरी भागों की स्थिति को बहुत हद तक देखना आसान हो गया है, लेकिन दिल्ली स्थित स्वीडन दूतावास में पिछले सप्ताह जिस जादुई टेबल 'सेक्ट्रा' को प्रदर्शित किया गया, शरीर के भीतर झाँकने की ऐसी मशीन अब तक नहीं थी।टेबल के स्क्रीन पर अंगुली चला कर शरीर के भीतरी भाग को वैसे ही उलट-पलट कर देख सकते हैं मानो आप तह लगी साड़ी को देख रहे हों। बहुत जल्द यह जादुई मशीन भारत के अस्पतालों में भी उपलब्ध होगी। माना जा रहा है कि यह टेबल रोगों की तत्काल पहचान के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होने वाली है। सीटी स्केन से लिए गए पूरे शरीर के चित्र को एक कम्प्यूटर के जरिए इस टेबल पर प्रक्षेपित किया जाता है।पिछले सप्ताह स्वीडन-इंडिया नोबल मेमोरियल वीक के दौरान इसे शोकेश ही नहीं किया गया, बल्कि इसे भारत के अस्पतालों को बेचने की सक्रिय कोशिशें भी शुरू हो गई हैं। मजे की बात है कि इस टेबल का आविष्कार मर्डर मिस्ट्री हल करने के लिए लाश को वास्तविक रूप से बिना चीरे फाड़े पोस्टमार्टम के लिए स्वीडन के वैज्ञानिक प्रो. एंडर्स पर्सोन ने किया है। उन्होंने इसका नाम दिया है वर्चुअल ऑटॉप्सी टेबल। दिल्ली आए टेबल के आविष्कारक स्वीडन के प्रो. एंडर्स पर्सोन ने 'नईदुनिया' से खास बातचीत में कहा कि भले ही यह टेबल मर्डर मिस्ट्री को हल करने के लिए बनाई गई हो, लेकिन रोगों की पहचान को लेकर इस टेबल की असीम संभावनाएँ जीवन से भी जुड़ी हैं।डॉ. पर्सोन ने कहा कि इस टेबल की मदद से चिकित्सक रोग को लेकर तत्काल अपनी धारणा तय कर पाएँगे। वह टेबल पर अँगुली की छुअन मात्र से शरीर के भीतर अंगों के जर्रे-जर्रे को देख पाएँगे। सीटी स्केन एवं एमआर स्केन के चित्रों में यह संभव नहीं है। इन्हीं चित्रों को यह टेबल थ्री डी में तब्दील कर देती है। इस टेबल में त्वचा एवं मांसपेशियों की परतों को अलग कर देखना संभव है। डॉ. पर्सोन ने बताया कि इस टेबल पर पोस्टमार्टम के बाद स्वीडन में हत्या के कई मामले हल करने में सफलता मिली है।-नईदुनिया