जन्माष्टमी विशेष : लग्न के अनुसार श्री कृष्ण के आसान मंत्र
विष्णुजी ने द्वापर में माता देवकी के गर्भ से भाद्रपद की अष्टमी के दिन श्री कृष्ण के रूप में जन्म लिया। इस अवतार में भगवन अपनी पूरी 24 कलाओं के साथ उत्पन्न हुए थे। जो सबको अपनी ओर आकर्षित करें वह है कृष्ण।
श्रीकृष्ण की भक्ति करने वाला प्राणी अपने समस्त सुख तो पाता ही है। अंत में विष्णु लोक में स्थान प्राप्त करता है। प्रभु श्रीकृष्ण को भजने के लिए धन या दिखावे की आवश्यकता नहीं, मात्र मन निर्मल होना चाहिए।
जन्माष्टमी के पावन-पर्व पर अपने जन्म लग्न अनुसार करें श्रीकृष्ण की भक्ति :-
मेष लग्न- ॐ त्रिक-कुब्धाम नम: या स्थविष्ठ नम:
वृषभ लग्न- ॐ लोहिताक्ष नम:
मिथुन लग्न- ॐ चतुरात्मा नम:
कर्क लग्न- ॐ सत्कर्ता नम:
सिहं लग्न- ॐ असंख्येय नम:
कन्या लग्न- ॐ सिद्धकल्प नम:
तुला लग्न- ॐ शिष्टकृत नम:
वृश्चिक लग्न- ॐ सत्यधर्म-पराक्रम नम:
धनु लग्न- ॐ नैकरूप नम:
मकर लग्न- ॐ विश्वात्मा नम:
कुंभ लग्न- ॐ निवृतात्मा नम:
मीन लग्न- ॐ वृषपर्वा नम: