हम और आप आजकल सूचना-प्रौद्योगिकी के नित नए चमत्कार देख रहे हैं। हमने देखा कि किस तरह तकनीक ने भौतिक दूरियों को कम किया है। मोबाइल तकनीक हमें दूरदराज़ से न केवल आवाज़, बल्कि दृश्य के माध्यम से भी जोड़ रही है। नए मॉडल के मोबाइल बाज़ार में आने और उन पर इंटरनेट की तीव्र गति ने न केवल भौतिक दूरियां मिटा डालीं, बल्कि वह जीवन के सभी क्षेत्रों में इतना उपयोगी बनता गया कि बिना मोबाइल हम अपने आपको पंगु-सा महसूस करने लगे हैं।
आज के मोबाइल वह सब कुछ कर रहे हैं जो पहले कंप्यूटर तक नहीं कर पाते थे। आज यह हमें जहां जाना हो वहां का रास्ता और दूरी बताने से लेकर वहां खाने या रहने के इंतज़ाम करने, हमारी खुराक या दवा का ध्यान रखने और जब भी हम अपने पसंद की खाने की चीज़ों की दुकानों के पास से गुज़रें तब, या भारतीय टीम का मैच शुरू होने के समय हमें याद दिलाने के साथ ही घर में चालू रह गई बिजली को बंद करने, घर में मौजूद बच्चों का हाल-चाल 'लाइव' देखने या हमारे द्वारा खरीदे गए शेयर इस वक्त कितने मूल्य के हैं, तुरंत बता देने वाला जिन्न है। किसी एक उपकरण के इतने उपयोग शायद ही संसार में कभी हुए हों।
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वियरेबल टेक्नॉलॉजी : स्वाभाविक रूप से सवाल उठता है कि आगे क्या? मोबाइल की दुनिया में आ रहे बदलावों पर गौर करें तो हम पाएंगे कि मूलभूत मोबाइल उपकरण में जो परिवर्तन आ सकते थे वो तो अब तक आ चुके हैं। इसकी अगली पीढ़ी की सेवाएं देने के लिए मोबाइल कुछ अन्य उपकरणों के साथ या केवल उनके माध्यम से काम करेंगे। हम सबने ऐसी घड़ियों या स्मार्ट वॉचेज़ के बारे में सुना है जो हमें मोबाइल जेब से निकाले बिना उस पर आने वाले कॉल या संदेश की जानकारी दे देती हैं।
इनके अलावा, ऐसे आर्म बैंड भी आते हैं जिन्हें अपनी बांह पर बांधकर आप अपनी कसरत या दिन भर की शारीरिक मेहनत का लेखा-जोखा हर शाम देख सकें। यही ‘वियरेबल’ या शरीर पर पहने सकने योग्य उपकरण मोबाइल की दुनिया का भविष्य हैं।
इन उपकरणों के नित नए प्रयोग हो रहे हैं और ये अपने लक्ष्यों को पाने में हमारी मदद करने के अलावा हमारे मोबाइल या सीधे क्लाउड पर हमारे खाते में जानकारियां सहेज रहे हैं, जिसका हम अपनी सुविधा से जब चाहे विश्लेषण कर सकते हैं।
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उपकरण कुछ अनोखे : आइए अब हम आपको बताते हैं कि वियरेबल टेक्नॉलॉजी के जरिए हमारी दुनिया कैसे-कैसे नए उपकरणों से दो-चार हो रही है –
निक्सी ऐसा कैमरायुक्त ड्रोन है जिसे आप अपनी कलाई पर घड़ी की तरह बाँध सकते हैं और यह आपके हाथ से उड़कर आपका एक 'एक्शन सेल्फ़ी' लेकर दुबारा आपके पास आ जाएगा।
2013 में हमने गूगल के शाहकार, 'ग्लास' की धूम देखी थी। 'ग्लास' आपकी आवाज़ को सुनकर इंटरनेट सर्च करके आपको दाईं आंख के सामने कुछ ऊपर की ओर लगे लेंस पर स्क्रीन की तरह जानकारी दिखा सकता था व आपके आदेश पर सामने के दृश्य का फ़ोटो खींच सकता था या वीडियो रिकॉर्ड कर सकता था।
इसी प्रकार पेबल नाम की स्मार्टवॉच आपके एंड्रॉइड या आईफ़ोन से जुड़ जाती थी और फिर आपको कोई संदेश देखने या कॉल का जवाब देने के लिए बार बार जेब से मोबाइल निकालने की ज़रूरत नहीं रही।
स्कली हेलमेट को सिर पर लगाकर आप उसके काँच पर इच्छानुसार अपने पीछे की सड़क का दृश्य, आगे की सड़क की जानकारी, जीपीएस जानकारी, गंतव्य की दूरी व आवश्यक गति आदि सब जान सकते हैं।
वाइपर नाम के उपकरण को अपने शरीर पर बांधकर फ़ुटबॉल खिलाड़ी यह जान सकते हैं कि उनके दौड़ने पर गति कितनी तेज़ी से बढ़ती है, वे अधिकतम कितनी गति से दौड़ते हैं, कैसे मूव करते हैं या कितनी तेज़ी से मुड़ते हैं। शरीर की बाकी गतिविधि का लेखा-जोखा भी यह उपकरण किसी कनेक्टेड मोबाइल को, सीधे कोच के कंप्यूटर में या क्लाउड पर आपकी टीम के खाते में भेज सकता है जिससे सबसे फ़िट खिलाड़ी ही किसी मैच में उतारे जा सकें।
इसी तरह का एक अन्य उपकरण अपने पैरों व हाथों में बाँधकर आप खेलते समय अपने शरीर को कितना सीधा रखें, खेल को निखारने के लिए प्रशिक्षण में क्या परिवर्तन करें आदि जान सकते हैं। एक कदम और आगे बढ़कर यह आपको आवश्यकता के समय प्रोत्साहन भी दे सकता है!!
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क्या हैं संभावनाएं : इंसान ने हमेशा अपनी कार्यक्षमता या शरीर की सीमाओं से बढ़कर काम करने की कोशिशें की हैं। पहने जाने वाले उपकरण हमारे शरीर के ही विस्तार के रूप में काम करके हमें साइंस फ़िक्शन जैसे अतिमानवीय प्रयास करने देंगे। लेकिन अभी आइए, डालते हैं एक नज़र निकट भविष्य की संभावनाओं पर :
- होटलों में आपके कमरे के ताले और चाबी की जगह घड़ी जैसे 'की बैंड' ले लेंगे।
- पुलिस के जवान को किसी अपराधी के सामने आते ही जेब या टोपी में लगे कैमरे के माध्यम से उसका पूरा कच्चा-चिट्ठा अपने चश्मे की गूगल ग्लास जैसी स्क्रीन पर दिख जाएगा। इसी प्रकार सड़कों पर लगे कैमरे किसी मामले में वांछित अपराधी को देखते ही उसके जीपीएस कोऑर्डिनेट के साथ पुलिस मुख्यालय के साथ ही सबसे निकटतम पुलिसवाले को भी संदेश दे देंगे। उसके चलने या गाड़ी चलाने की दिशा को देखते हुए उस दिशा के अगले कैमरे वही काम तब तक करते रहेंगे जब तक पुलिस आकर उसे गिरफ़्तार न कर ले।
- कोई मीटिंग आयोजित करने के लिए आप अपने मोबाइल या कंप्यूटर पर जाकर मेल भेजने की जगह अपने वियरेबल गैजेट को मीटिंग का समय, स्थान व उसमें आमंत्रितों के नाम बोलकर बता देंगे। उपकरण स्वयं सभी के कैलेंडर में खाली समय देखकर संबंधित लोगों को संदेश दे देगा व किसी के उक्त समय पर उपलब्ध न होने पर आपको सभी की उपलब्धता का समय बोलकर बता देगा, जिसे आप बोलकर ही स्वीकृत कर देंगे। अपना काम करते हुए ही आपकी मीटिंग तय हो जाएगी।
- कोई सामान खरीदते समय उसका बारकोड सामने आते ही आपका स्मार्टग्लास यह जाँच लेगा कि वह वस्तु कहाँ कितने दाम में मिल रही है। इससे अलावा वह आपको उसके बारे में समीक्षाएँ भी बता सकता है। जैसे किसी पुस्तक को खरीदते समय वह आपके मोबाइल के ऐप्स देखकर यह अंदाज़ा लगा लेगा कि आप किन अख़बारों या वेबसाइट्स पर विश्वास करते हैं और उस पुस्तक की वहाँ पर प्रकाशित समीक्षा आपको दिखा देगा।
- कलाई पर उंगली से गोला बनाने पर आपकी कमीज के बटन पर लगा उपकरण उस इशारे को समझकर इंटरनेट से समय खोजकर आपकी कलाई पर वर्तमान समय दिखाते हुए एक घड़ी प्रोजेक्शन के माध्यम से प्रदर्शित कर देगा।
- आपके शरीर पर लगे उपकरण रक्तचाप, सांस व अन्य पैमानों को सीधे आपके अस्पताल या क्लाउड पर स्थित आपके खाते में जमा करते रहेंगे। कोई आपात स्थिति होने पर उपकरण आपको चौकन्ना करने के साथ आपके अस्पताल व परिवार को भी इसकी ख़बर कर देगा।
- एक अंगुली में अंगूठी की तरह पहना हुआ प्लास्टिक का छल्ला पूरे घर के उपकरणों के रिमोट का काम करेगा, और तो और यह आपकी चाबी या मोबाइल जैसी कई चीज़ें भी ढूंढ़ देगा।
तो देखा आपने, वियरेबल तकनीक हमारी दुनिया को किस प्रकार बदलने वाली है! निश्चित ही, अगले कुछ वर्ष हमारे जीवन में तकनीक के दखल के लिहाज से सबसे महत्वपूर्ण वर्ष होंगे।