मास्टर कार्ड पर मिलेगी यह सुविधा
सिंगापुर। कार्ड के जरिए भुगतान निदान उपलब्ध कराने वाली प्रमुख वैश्विक कंपनी मास्टर कार्ड कम लागत वाली भुगतान प्रौद्योगिकी लाने के लिए भारत सरकार के साथ नजदीकी से काम कर रही है ताकि भारत के डिजिटलीकरण कार्यक्रम को जन-जन तक पहुंचाया जा सके। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह कहा।
मास्टर कार्ड के ग्लोबल एंटरप्राइजिज रिस्क एंड सिक्युरिटी के अध्यक्ष अजय भल्ला ने कहा कि वर्तमान में तीन लाख से अधिक से अधिक व्यवसायी हैं जिन्होंने दुनिया का पहला अंतर वैश्विक भुगतान निदान, भारत क्यू-आर को अपनाया है।
भारतीय रिजर्व बैंक और भारतीय बैंक संघ ने देश में डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए 21 फरवरी को भारत क्यूआर को जारी किया था। इस सॉफ्टवेयर निदान को मास्टर कार्ड ने भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई), वीसा और अमेरिकन एक्सप्रेस के साथ मिलकर विकसित किया है।
भल्ला ने कहा कि भारत में डिजिटल भुगतान लगातार ‘काफी सकारात्मक’ बना हुआ है और यह बढ़ता हुआ व्यावसाय है। उन्होंने कहा कि हम एक संगठन के तौर पर भारत में बड़े पैमाने पर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसके लिए हम नियामकों, बैंकों और सभी पक्षों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
उद्योग के एक अनुमान का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि नोटबंदी से पहले के मुकाबले अब व्यावसायियों द्वारा दैनिक भुगतान के मामले में कार्ड का इस्तेमाल 86 प्रतिशत तक बढ़ा है। उन्होंने रिजर्व बैंक के उन आंकड़ों का भी उल्लेख किया जिसमें छ: माह के दौरान बिक्री केंद्र टर्मिनल में 70 प्रतिशत वृद्धि देखी गई है। सितंबर 2016 में यह संख्या 15 लाख से बढ़कर मार्च 2017 में 25 लाख तक पहुंच गई। (भाषा)