मसूद अजहर को आतंकवाद का पास क्यों देता है चीन...
न्यूयॉर्क। अमेरिका के एक प्रमुख दैनिक अखबार ने मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र में वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के कदम में रोड़ा डालने के चीन के एक और प्रयास पर सवाल उठाते हुए कहा कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद का सरगना साबित हो चुका खतरा है और बीजिंग इस्लामाबाद के साथ अपनी सदाबहार दोस्ती को लेकर परेशान है।
वॉल स्ट्रीट जर्नल के संपादकीय बोर्ड ने 'चीन द्वारा एक जिहादी का बचाव : बीजिंग ने कश्मीर हत्यारे पर प्रतिबंध की संरा की कोशिश को किया बाधित' शीर्षक से एक संपादकीय में कहा कि पाकिस्तान में जिहादी क्षेत्रों के खिलाफ सार्थक वैश्विक कार्रवाई के बिना भारत जाहिर तौर पर यह निष्कर्ष निकाल सकता है कि उसके पास सैन्य तनाव बढ़ाने के अलावा बहुत कम विकल्प हैं।
गौरतलब है कि चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अजहर को ‘‘वैश्विक आतंकवादी’’ घोषित करने की भारत की कोशिश में चौथी बार बाधा डाली। भारत ने इस कदम को निराशाजनक बताया।
संपादकीय बोर्ड ने पूछा, 'अजहर एक साबित हो चुका खतरा है। चीन उसे क्यों आतंकवाद की छूट क्यों दे रहा है?' उसने कहा, 'बीजिंग पाकिस्तान के साथ अपनी सदाबहार दोस्ती में खटास लाने से झिझक रहा है और इसका एक कारण कूटनीतिक है। अमेरिका ने पिछले साल इस्लामाबाद को दी जाने वाली सैन्य सहायता में कटौती की थी। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसके लिए अफगानिस्तान में आतंकवादियों का सहयोग करने का हवाला दिया तथा चीन इसी खाई को भरना चाहता है।'
संपादकीय में कहा गया है कि पुलवामा हमले के बाद से ही वैश्विक ध्यान अब पाकिस्तान में आतंकवादियों का सफाया करने पर है लेकिन चीन पहले ही इस्लामाबाद पर अंतरराष्ट्रीय दबाव को कम कर रहा है।