कृत्रिम आंखों से दूर होगा धुंधलापन
न्यूयॉर्क। इंसान की आंखों से प्रेरित होकर वैज्ञानिकों ने इसके अनुकूल एक मेटालेंस विकसित किया है जो सपाट और इलेक्ट्रॉनिक रूप से नियंत्रित कृत्रिम आंख है। यह मेटालेंस धुंधली तस्वीरों का कारण बनने वाली तीन प्रमुख चीजों - फोकस, दृष्टि विषमता और छवि में बदलाव - को एक साथ नियंत्रित करती है।
यह अध्ययन ‘साइंस अडवांसेज’ नाम की पत्रिका में प्रकाशित किया गया है। इस अध्ययन के जरिए सेल फोन कैमरों, चश्मों और आभासी एवं संवर्धित वास्तविकता वाले हार्डवेयरों सहित कई तरह के अनुप्रयोगों के लिए ऑटोफोकस और व्यवस्थित किए गए ऑप्टिकल ज़ूम की व्यवहार्यता प्रदर्शित की गई है।
अमेरिका की हावर्ड जॉन ए पॉलसन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड अप्लाइड साइंसेज से जुड़ी एलेन शी ने बताया कि यह शोध कृत्रिम मांसपेशी तकनीक और मेटालेंस तकनीक में सफलता का मिलाजुला रूप है, जिसका मकसद एक ऐसा मेटालेंस बनाना है जो वास्तविक समय में अपना फोकस बदल सके, जैसे कि इंसान की आंखें बदलती हैं।