आचार संहिता ने बढ़ाई जंगली हाथियों की मुश्किलें, दहशत में लोग
पत्थलगांव। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में इन दिनों आदर्श आचार संहिता के कारण जंगली हाथियों की मुश्किलों में खासा इजाफा हो गया है।
दरअसल जिले के जंगलों में भीषण गर्मी में जगह-जगह आग लग रही है, वहीं आदर्श आचार संहिता के कारण जंगलों में जल स्त्रोत बढ़ाने के कार्यों को स्वीकृति नहीं मिल पाई है, ऐसे में जंगली हाथियों के दल आबादी क्षेत्रों की ओर का रुख कर रहे हैं और वहां उत्पात मचा रहे हैं।
जशपुर वन मंडल अंतर्गत कुनकुरी और तपकरा के जंगलों में कल जंगली हाथियों के एक दल ने कटनी गुमला राष्ट्रीय मार्ग पर कंडोरा महुवाटोली में घंटों तक उत्पात मचाया।
महुआटोली स्थित औघड़ आश्रम के उपाध्यक्ष मुरारीलाल अग्रवाल ने बताया कि हाथियों का झुंड पक्की दीवार तोड़कर घंटों डेरा डालकर बैठ गया। इससे आश्रम में दहशत बनी रही। हाथियों का दल कुएं के आस पास चिंघाड़ लगाता रहा। जल स्त्रोत के आस पास इनकी व्याकुलता से पता चल रहा था कि वे प्यासे हैं।
जशपुर वन मंडल अधिकारी कृष्ण कुमार जाधव ने आज बताया कि कुनकुरी, तपकरा और पत्थलगांव क्षेत्र के जंगलों में जल स्त्रोत बढ़ाने के कार्यों को लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते स्वीकृति नहीं मिल पाई है। इस वजह से जंगलों में वन प्राणियों की गर्मी में परेशानी बढ़ गई है। इसी वजह से हाथी जंगल छोड़कर आबादी क्षेत्र की ओर रुख करने लगे हैं। (वार्ता)