'मशीन' सूंघकर बता देती है बीमारी
कैलिफोर्निया। पुराने जमाने में नाड़ी शास्त्र के ज्ञाता आदमी की नब्ज पकड़कर यह पता लगा लेते थे कि व्यक्ति किस बीमारी से पीडि़त है, लेकिन वैज्ञानिक अब ऐसी मशीन बनाने का प्रयास कर रहे हैं जो कि बीमार को सूंघकर ही बता देगी कि उसके कौन सा रोग है। विदित हो कि जल्द ही ऐसी मशीन का निर्माण होने वाला है। इस मशीन के आविष्कार में जुटे वैज्ञानिकों का कहना है कि यह मशीन आसानी से सांस, ब्लड और यूरीन जनित रोगों को पहचान लेगी।
हम सभी की एक अद्वितीय गंध होती है जो हजारों कार्बनिक यौगिकों से मिलकर बनती है। इस महक से हमारी उम्र, जैनेटिक, लाइफस्टाइल, होमटाउन और यहां तक कि हमारे मेटाबॉलिक प्रोसेस के बारे में भी पता चलता है। विदित हो कि प्राचीन यूनानी और चीनी चिकित्सक रोग को पहचानने के लिए मरीज की गंध का इस्तेमाल किया करते थे।
अब इसी पुरानी तकनीक को इस्तेमाल करते हुए वैज्ञानिक फिर से प्रयोग में लाने तैयारी में हैं। इस तकनीकी के तहत त्वचा और सांस की गंध से बीमारी का पता लगाया जा सकेगा। उदाहरण के तौर पर वैज्ञानिकों का कहना है कि मधुमेह रोगियों की सांस सड़े हुए सेब जैसी आती है। टाइफाइड रोगियों की त्वचा बेकिंग ब्रैड जैसी गंध देती हैं।
वैसे तो हर डॉक्टर भी कुछ बीमारियों को किसी हद तक सूंघ सकता है, लेकिन यह इस पर निर्भर करता है कि उसकी नाक कितनी संवेदनशील है और वह सूंघ कर बीमारियां पहचानने का कितना अनुभवी है। इस वजह से खोजकर्ता कम खर्च में एक ऐसे सेंसर पर काम कर रहे हैं जो रोग को पहचान ले।