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Last Updated : मंगलवार, 3 मार्च 2020 (20:05 IST)

बनेगा विश्व रिकॉर्ड, 1000 क्विंटल आटे, 1000 क्विंटल शक्कर से बनेगी पितरेश्वर हनुमान धाम की 'महाप्रसादी'

बनेगा विश्व रिकॉर्ड, 1000 क्विंटल आटे, 1000 क्विंटल शक्कर से बनेगी पितरेश्वर हनुमान धाम की 'महाप्रसादी' - Pitreshwar Hanuman Dham Indore Pitru Parvat
इंदौर। श्री पितरेश्वर हनुमान धाम के 9 दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा समारोह का कुम्भ 3 मार्च को नगर भोज के साथ संपन्न होगा। शिव पुराण, राम कथा और अतिरुद्र महायज्ञ की पूर्णाहृति के बाद भगवान को भोग लगाया जाएगा और फिर 4 बजे से नगर भोज की शुरुआत होगी। 1000 क्विंटल आटे, 1000 क्विंटल शक्कर से 'महाप्रसादी' बनेगी, जिसे 10 लाख लोग ग्रहण करेंगे। यह अपने आप में एक विश्व रिकॉर्ड होगा।
 
उक्त जानकारी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने दी। हनुमानजी की तरफ से विजयवर्गीय ने शहरवासियों को प्रसादी का न्योता दिया है। उन्होंने बताया कि 10 स्थानों पर एक साथ होने वाले इस नगर भोज में 10 लाख लोग प्रसाद ग्रहण करेंगे। हर जगह महिलाओं, बुजुगों और बच्चों के बैठने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। 
विजयवर्गीय ने बताया कि नगर भोज का आयोजन बड़ा गणपति से लेकर श्री पितरेश्वर हनुमान धाम तक के 7 किमी लंबे मार्ग पर सड़क के एक तरफ होगा। इस दौरान 5 हजार से ज्यादा कार्यकर्ता इस बात का विशेष ध्यान रखेंगे कि श्रद्धालुओं और राहगीरों को किसी तरह की परेशानी न हो। इसके अलावा आसपास के कुछ मैदान चिन्हित किए हैं, जहां प्रसादी का वितरण होगा। 
नगर भोज में प्रसाद के रूप में पूड़ी, रामभाजी की सब्जी, नुक्ती बनाई गई है। प्रसाद सामग्री गाय के देसी घी से बनाई जा रही हैं। भोजन बनाने में करीब 2000 डिब्बे शुद्ध थी, 90 टंकी तेल, 1000 क्विंटल आटा, 1000 क्विंटल शक्कर, 500 क्विंटल बेसन, 500 क्विटन आलू, 500 क्विंटल सब्जी, 500 किलो मसाले व अन्य खादय सामग्री लग रही है। 
 
भोजन परोसने का दायित्व इंदौर सहित आसपास के क्षेत्रों से आए 25 हजार कार्यकर्ता संभालेंगे। माता अन्नपूर्णा की प्रतीक के रूप में 2000 हजार महिलाएं भी प्रसाद वितरित करेंगी।
 
उन्होंने बताया कि शनिवार को अन्नपूर्णा पूजन के बाद रविवार को सभी स्थानों पर भोजनशाला में भट्टी स्थापित कर प्रसाद सामग्री बनाने का काम शुरू हो गया था। 
 
भोजन बनाने के लिए इंदौर के अलावा रतलाम, दाहोद, कोटा, जयपुर, बांसवाड़ा और जयपुर से भी हलवाई आए है। हंसदास मठ, नृसिंह वाटिका, व्यास बगीची, एचपी गोदाम के पास सामुदायिक परिसर, मेहंदी परिसर, पंचशील नगर, बिजासन मंदिर, गोम्मटगिरी, गांधी नगर और श्री पितरेश्वर हनुमान धाम की 10 भोजनशालाओं में प्रसाद बनाया जा रहा है।

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