जमीन विवाद में पति की संदिग्ध मौत, बेबस पत्नी तख्ती लेकर खड़ी इंदौर की सड़कों पर, न पुलिस सुन रही न प्रशासन
जमीनी विवाद में हुई शख्स की संदिग्ध मौत के बाद उसकी पत्नी न्याय के लिए बेटमा क्षेत्र से लेकर इंदौर तक धक्के खाती हुई भटक रही हैं, लेकिन कहीं उसकी सुनवाई नहीं हो रही है। न्याय नहीं मिलने की स्थिति में अब बेबस पत्नी मजबूरन अपने पूरे परिवार के साथ हाथों में तख्तियां लेकर इंदौर पहुंच गई। यहां पूरा परिवार इंदौर कलेक्टर कार्यालय पुलिस से लेकर जिला प्रशासन तक न्याय की गुहार लगा रहा है। न्याय की आस में बेटमा से इंदौर आए इस परिवार के सदस्यों ने बेटमा पुलिस से लेकर एमवाय अस्पताल के प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं।
पुलिस पर आरोप पर क्या बोलीं ग्रामीण एसपी : ग्रामीण एसपी हितिका वासल ने
वेबदुनिया को बताया कि राजेश चौहान केस में हमें शिकायत मिली है, परिवार वालों ने जो भी शिकायत की है, उस आधार पर जांच कर नियमानुसार आगे की कार्रवाई करेंगे। पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने के परिवार के आरोपों के बारे में
एसपी हितिका वासल ने बताया कि ऐसा कुछ नहीं है, पुलिस जांच और कार्रवाई रह रही है। इस संबंध में बात करने के लिए
बेटमा थाना इंचार्ज संजय सिंह को कॉल किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
चक्कर काट रही बेबस पत्नी : दरअसल, 5 फरवरी को बेटमा के सनावद निवासी राजेश चौहान की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। न्याय के लिए गुहार लगाती इंदौर आई राजेश की
पत्नी साधना चौहान ने
वेबदुनिया को बताया कि उन्हें नहीं पता कैसे उनके पति की मौत हो गई। आत्महत्या है या हत्या कुछ पता नहीं चल रहा है। पत्नी साधना बेटमा से लेकर इंदौर तक न्याय के लिए चक्कर काट रही हैं। मंगलवार को वो कलेक्टर कार्यालय पहुंची और परिवार के करीब 100 सदस्यों के साथ हाथों में तख्तियां लेकर प्रशासन से कार्रवाई की मांग की।
परिवार पर ट्रैक्टर चढ़ाकर मारने की कोशिश : राजेश चौहान की भांजी ने बताया कि उसके मामा राजेश ने 2023 में जमीन खरीदी थी। उसका नामांकन उसके मामा के नाम पर हो गया था, लेकिन वहां का छितर सिंह पटेल नाम के शख्स ने जमीन पर कब्जा कर लिया, कई कोशिशों के बाद भी वो जमीन पर से कब्जा नहीं छोड रहा था। जब भी उसके मामा राजेश अधिकारियों के साथ जमीन का सीमांकन करने जाते थे तो छितर सिंह पटेल वहां आकर विवाद करता था। एक बार तो उसने हम परिवार वालों के ऊपर ट्रैक्टर चढ़ाकर मारने की कोशिश की। जब यह घटना हुई तो आरआई, पटवारी सब मौजूद थे। लेकिन छितर सिंह की डर के मारे सारे कर्मचारी भी भाग जाते हैं।
हत्या या आत्महत्या, पुलिस नहीं कर रही कार्रवाई : राजेश की पत्नी और उनके रिश्तेदारों ने आरोप लगाया कि छितर सिंह ने बात करने के लिए राजेश को बुलाया था। इसके बाद उनकी मौत हो गई। जहर खाने ने उनकी मौत हुई थी, लेकिन हमें यह शक है कि उनकी हत्या हुई थी। परिवार के सदस्यों ने बताया कि बेटमा की पुलिस में जब शिकायत लेकर पहुंचे तो वहां भी पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है।
एमवाय अस्पताल नहीं दे रहा पोस्टमार्टम रिपोर्ट : राजेश चौहान के परिवार के सदस्यों ने बताया कि 5 फरवरी को संदिग्ध मौत के बाद वे बेटमा पुलिस के पास गए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद राजेश चौहान का इंदौर के एमवाय अस्पताल में पोस्टमार्टम किया गया। लेकिन करीब छह दिनों के बाद भी राजेश चौहान की पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं दी गई। वे अस्पताल के भी कई चक्कर लगा चुके हैं।