बिहार का विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला
जहां मिलता है हाथी से लेकर सूई तक...
बिहार के सारण और वैशाली जिले की सीमा पर अवस्थित सोनपुर में गंडक के तट पर हर साल लगने वाला एक विश्वप्रसिद्ध मेला है सोनपुर मेला। यह राजधानी पटना से 25 किलोमीटर और वैशाली के हाजीपुर शहर से 3 किलोमीटर दूर है। हर साल कार्तिक पूर्णिमा (नवंबर-दिसंबर) में लगने वाला यह मेला एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला है। यह मेला भले ही पशु मेला के नाम से विख्यात है, लेकिन इस मेले की खासियत यह है कि यहां सूई से लेकर हाथी तक की खरीदारी आप कर सकते हैं। इससे भी बड़ी बात यह कि मॉल कल्चर के इस दौर में बदलते वक्त के साथ इस मेले के स्वरूप और रंग-ढंग में बदलाव जरूर आया है लेकिन इसकी सार्थकता आज भी बनी हुई है। 5-6
किलोमीटर के वृहद क्षेत्रफल में फैला यह मेला हरिहरक्षेत्र मेला और छत्तर मेला मेला के नाम से भी जाना जाता है। हर साल कार्तिक पूर्णिमा के स्नान के साथ यह मेला शुरू हो जाता है और एक महीने तक चलता है। यहां मेले से जुड़े तमाम आयोजन होते हैं। इस मेले में कभी अफगान, इरान, इराक जैसे देशों के लोग पशुओं की खरीदारी करने आया करते थे। कहा जाता है कि चंद्रगुप्त मौर्य ने भी इसी मेले से बैल, घोड़े, हाथी और हथियारों की खरीदारी की थी। 1857
की लड़ाई के लिए बाबू वीर कुंवर सिंह ने भी यहीं से अरबी घोड़े, हाथी और हथियारों का संग्रह किया था। अब भी यह मेला एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला है। देश-विदेश के लोग अब भी इसके आकर्षण से बच नहीं पाते हैं और यहां खिंचे चले आते हैं। क्या है इस मेले का इतिहास-