• Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. होली
  4. Phagun Poems

हिन्दी कविता : फागुन मदमस्त

हिन्दी कविता : फागुन मदमस्त - Phagun Poems
हुड़दंग गलियों में 
उड़ रहे गुलाल 
रंग हरे, पीले, लाल 
ओ री सखी फागुन मदमस्त। 


 
आंखें मलते 
भर-भर लोटा रंग उड़ाते 
हो रहे सराबोर 
ओ री सखी फागुन मदमस्त। 
 
रंग-बिरंगे नर-नारी 
बाल हुए गुलाल 
ओ री सखी फागुन मदमस्त। 
 
धरती रंगीन 
मानो हो रही बौछार 
अनंत रंगों की आज 
ओ री सखी फागुन मदमस्त। 
 
भूल सभी व्यर्थ व्यथाएं 
लग रहे गले 
बांटते प्यार-मोहब्बत साथ 
ओ री सखी फागुन मदमस्त। 
ये भी पढ़ें
किस्मत का ताला खोलेगा यह उपाय...