Diwali 2023: दीपावली पर कई पवित्र वस्तुएं खरीदने ( Diwali shopping ) की परंपरा है। माना जाता है कि इन्हें घर में लाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में वर्ष भर धन समृद्धि बनी रहती है। इस बार दिवाली 12 नवंबर 2023 को मनाई जाएगी। आओ जानते हैं 21 शुभ वस्तुएं।
1. झाड़ू : यदि आप पुष्य नक्षत्र या धनतेरस पर झाड़ू नहीं खरीद पाएं हैं तो दीवाली पर जरूर खरीदें। झाड़ू माता लक्ष्मी प्रतीक है।
2. कौड़ियां : पुराने समय में रुपये या सिक्कों की जगह कौड़ियों का ही प्रचलन थ। कौड़ियों को आज भी माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है।
3. खील बताशे : माता लक्ष्मी को बताशे प्रिय है। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और आपको समृद्धि का आशीष देती हैं। इससे आपको हर कार्य में अपार सफलता भी मिलेगी।
4. लक्ष्मी, सरस्वती, गणेश और कुबेर : इस दिन माता लक्ष्मी, सरस्वती, गणेश और कुबेर की मूर्ति या चित्र खरीदना भी शुभ होता है।
5. रुई (कपास) : कपास का पूजा और आरती में बहुत ज्यादा महत्व रहता है। रुई या कपास शुद्ध होता है। इसी से दीपक प्रज्वलित किया जाता है।
6. मौली : मौली को कलाई में बांधने के कारण इसे कलावा भी कहते हैं। इसका वैदिक नाम उप मणिबंध भी है। पूजा के दौरान इस बांधा जाता है।
7. गन्ना : माता लक्ष्मी की पूजा में गन्ना जरूरी है। गन्ने से जुड़ी एक कथा भी है। महालक्ष्मी का एक रूप गजलक्ष्मी भी है। गज अर्थात हाथी। माता के हाथी ऐरावत की प्रिय खाद्य-सामग्री ईख अर्थात गन्ना है। दिवाली के दिन पूजा में गन्ना रखने से ऐरावत प्रसन्न रहते हैं और ऐरावत की प्रसन्नता से महालक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं।
8. हल्दी की गांठ : हल्दी को भी माता लक्ष्मी की पूजा में रखा जाता है। इस दिन कुछ खड़ी हल्दी खरीदना भी शुभ है। शुभ मुहूर्त देखकर बाजार से गांठ वाली पीली हल्दी को घर लाएं। इस हल्दी को कोरे कपड़े पर रखकर स्थापित करें तथा षडोशपचार से पूजन करें। यह भी धन समृद्धि को बढ़ाने वाला उपाय है।
9. मिट्टी की सुराही : कहते हैं कि इस दिन मिट्टी की सुराही खरीदकर उसमें पानी भरकर उसे ईशान कोण में स्थापित करने से धन समृद्धि के योग बनते हैं।
10. चांदी के सिक्के : माता लक्ष्मी की आकृति अंकित वाले चांदी के सिक्के खरीदकर उसे पूजा में रखना भी शुभ होता है।
11. केले के पत्ते : माता लक्ष्मी और विष्णु केले के पौधे में विराजमान रहते हैं। यह पौधा बहुत ही शुभ होता है। दिवाली की पूजा में इसके पत्तों का उपयोग होता है।
12. छोटी सुपारी : पूजा की सुपारी पर जनेऊ चढ़ाकर जब पूजा जाता है तो यह अखंडित सुपारी गौरी गणेश का रूप बन जाती है। परंतु जब इसी सुपारी को लक्ष्मी पूजा में रखकर इसकी पूजा करने के बाद इसे तिजोरी में रखने पर घर में लक्ष्मी स्थायी रूप से निवास करने लगती हैं और इससे सौभाग्य आने लगता है।
13. चांदी का हाथी : इस दिन चांदी का ठोस हाथी खरीदना भी बहुत ही शुभ होता है। यह माता गजलक्ष्मी का प्रतीक है।
14. चांदी या पीतल का कछुआ : कई लोग इस दिन चांदी या पीतल का कछुआ खरीदते हैं। यह भी शुभ होता है।
15. रंगोली : रंगोली या मांडना को 'चौंसठ कलाओं' में स्थान प्राप्त है। उत्सव-पर्व तथा अनेकानेक मांगलिक अवसरों पर रंगोली से घर-आंगन को खूबसूरती के साथ अलंकृत किया जाता है। इससे घर-परिवार में मंगल रहता है।
16. वंदनवार : आम या पीपल के नए कोमल पत्तों की माला को वंदनवार कहा जाता है। इसे अकसर दीपावली के दिन द्वार पर बांधा जाता है। वंदनवार इस बात का प्रतीक है कि देवगण इन पत्तों की भीनी-भीनी सुगंध से आकर्षित होकर घर में प्रवेश करते हैं।
17. शंख : शंख समुद्र मथंन के समय प्राप्त चौदह अनमोल रत्नों में से एक है। लक्ष्मी के साथ उत्पन्न होने के कारण इसे लक्ष्मी भ्राता भी कहा जाता है। यही कारण है कि जिस घर में शंख होता है वहां लक्ष्मी का वास होता है।
18. सिघाड़ा : सिंघाड़ा माता लक्ष्मी को बहुत ही पसंद है। इसकी उत्पत्ति भी जल से होती है।
19. अनार : मां लक्ष्मी को फलों में अनार बेहद प्रिय है। दीपावली की पूजन के दौरान अनार जरूर अर्पित करें।
20. मखाना : जिस तरह माता लक्ष्मी की उत्पत्ति समुद्र से हुई उसी तरह मखाने की उत्पत्ति भी जल से हुई है। मखाना कमल के पौधे से मिलता है।
21. कमल का फूल : इस दिन कमल का फूल जरूर खरीदकर लाएं। यह माता लक्ष्मी का अत्यंत ही प्रिय है।